ट्रंप के एक ऐलान से धराशायी हुए दुनियाभर के शेयर मार्केट, हुआ 10 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान

ट्रंप के एक ऐलान से धराशायी हुए दुनियाभर के शेयर मार्केट, हुआ 10 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान


Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के चलते दुनिया भर के कई बड़े शेयर बाजारों में गिरावट आई है और इससे 10 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है. ब्लूमब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इतने बड़े पैमाने पर हुआ यह घाटा यूरोपीय यूनियन के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आधे से कुछ ज्यादा था. 

ग्लोबल मार्केट में मचा हड़कंप

पिछले हफ्ते ट्रंप ने जैसे ही रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान किया वैसे ही ग्लोबल मार्केट में हलचल पैदा हो गई. मंदी और ट्रेड वॉर की आशंकाओं के चलते स्टॉक, बॉन्ड और कमोडिटीज में काफी उतार-चढ़ाव देखे गए. हालांकि, ट्रंप के टैरिफ के ऐलान का सबसे ज्यादा असर अमेरिकी शेयर बाजार पर देखने को मिला. S&P 500 इंडेक्स में लगातार तीन बार 4-4 परसेंट की गिरावट आई और ऐसा लगभग एक सदी में पहली बार हुआ.

द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के बाद से यह अब तक का इसकस सबसे खराब प्रदर्शन रहा. यह स्थिति काफी हद तक 1987 के ब्लैक मंडे के जैसे ही थी, जब डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 22.6 परसेंट तक की गिरावट आई थी. यह एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट थी. उस दौरान डाउ जोन्स 508 अंक गिरकर 1738.74 पर बंद हुआ था. यह अमेरिकी शेयर मार्केट की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट थी. 

इन्हें हुआ सबसे ज्यादा नुकसान

स्पेन के एक प्रमुख अखबार एल पेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के बाद शेयर मार्केट को हुआ नुकसान 2020 के कोविड महामारी, लेहमैन ब्रदर्स के दिवालियापन या 1998 के नुकसान से हुए नुकसान से भी ज्यादा था. वैसे तो इसका असर भारतीय शेयर बाजार, एशियाई शेयर बाजार में भी देखने को मिला, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान वॉल स्ट्रीट को हुआ. इसका सबसे ज्यादा खामियाजा एप्पल, गूगल, एनवीडिया, मेटा, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और टेस्ला को भुगतना पड़ा, जिन्हें ‘मैग्नीफिसेंट सेवन’ के नाम से भी जाना जाता है. 

एप्पल पर गिरी टैरिफ की गाज

एल पैस की ही रिपोर्ट के मुताबिक, ‘मैग्नीफिसेंट सेवन’ को पिछले गुरुवार से अब तक 1.6 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान एप्पल को हुआ है. इस दौरान कंपनी को आधे ट्रिलियन डॉलर या अपनी कुल वैल्यू का 16.8 परसेंट नुकसान हुआ है. चूंकि, एप्पल के डिवाइस पूरी तरह से एशिया में बनते हैं इसलिए इस पर टैरिफ का सीधा असर पड़ा.

रिपोर्ट के मुताबिक, नुकसान के मामले में दूसरे नंबर पर एनवीडिया है, जिसे 385 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. तीसरे नंबर पर 262 बिलियन डॉलर के आंकड़े के साथ अमेजन तीसरे नंबर है. इनके अलावा, जेपी मॉर्गन, एली लिली, बर्कशायर हैथवे, वीजा, एक्सॉन मोबिल, वॉलमार्ट और बैंक ऑफ अमेरिका को भी तीन दिनों में 54 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ. 

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