ट्रंप के टैरिफ का असर! भारत की मांग हुई कम तो चीन ने सस्ते रूसी तेल पर मारा झपट्टा

ट्रंप के टैरिफ का असर! भारत की मांग हुई कम तो चीन ने सस्ते रूसी तेल पर मारा झपट्टा


चीनी रिफाइनरियों ने रूस से कच्चे तेल की खरीद बढ़ा दी है. यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब भारत की ओर से रूस से तेल की मांग कम हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर सेकेंडरी टैरिफ लगाया जा सकता है ताकि मॉस्को पर दबाव डाला जा सके और यूक्रेन युद्ध खत्म कराया जा सके.

रूस के तेल में चीन ने देखा ‘अवसर’

कमोडिटी और शिपिंग डेटा ट्रैक करने वाली कंपनी केपलर की सीनियर एनालिस्ट मयू शू ने कहा कि चीन का यह कदम ‘अवसरवादिता भरा’ है, क्योंकि रूसी तेल मिडिल ईस्ट के मुकाबले कम से कम 3 डॉलर प्रति बैरल सस्ता है.

भारत ने कम की खरीद, चीन ने मौका साधा

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सरकारी रिफाइनरियों ने पिछले महीने रूसी तेल की खरीद पर रोक लगा दी थी. एनर्जी एस्पेक्ट्स के जोन्स के मुताबिक, भारत ने अपनी खरीद लगभग 6 से 7 लाख बैरल प्रतिदिन तक घटा दी है. मयू शू का कहना है, ‘अभी चीन के लिए खरीदारी का बहुत अच्छा मौका है, क्योंकि भारत पर ट्रंप का दबाव जारी है. कीमतें कम हैं, इसलिए अगले एकदो हफ्तों में और भी रिफाइनरियां ज्यादा खरीद सकती हैं.’

चीन ने डिलीवरी के लिए खरीदे 15 कार्गो

रॉयटर्स के अनुसार, चीन ने अक्टूबर और नवंबर की डिलीवरी के लिए रूस से 15 कार्गो खरीदे हैं. 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस से तेल खरीदना कम कर दिया था. इसके बाद भारत रूस का सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा था, जो सस्ते दाम पर समुद्री मार्ग से तेल खरीदता है.

ट्रंप ने भारत पर लगाया 50 फीसदी टैरिफ, चीन को भी दे चेतावनी

ट्रंप ने कहा कि फिलहाल चीन पर तत्काल टैरिफ लगाने की योजना नहीं है, लेकिन ‘दो से तीन हफ्ते में’ इस पर विचार किया जा सकता है. वहीं ट्रंप भारत पर पहले 25 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं और 25 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का भी ऐलान कर चुके हैं, जोकि 27 अगस्त से लागू होगा.

भारत की कमी पूरी नहीं कर पाएगा चीन 

एनालिस्ट शू ने कहा कि चीन रोजाना लगभग 12 लाख बैरल रूसी तेल समुद्री मार्ग से खरीदता है, लेकिन यह भारत की कमी पूरी करने के लिए काफी नहीं है क्योंकि भारत रोजाना करीब 17 लाख बैरल तेल रूस से खरीदता है. उन्होंने कहा, ‘अगर भारत खरीदना बंद रखता है तो यह रूस के लिए बड़ी समस्या होगी. चीन अकेले भारत की पूरी मात्रा नहीं ले सकता.’



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