Global Market Crash: सोमवार को दुनिया भर के बाजार ऐसे गिरे, जैसे सीधे पाताल लोक में समा जाएंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए ज़बरदस्त टैरिफ और चीन की तीखी जवाबी कार्रवाई ने पूरी दुनिया के स्टॉक मार्केट को हिला कर रख दिया. चीन ने अमेरिका से आने वाले सभी सामानों पर 34 फीसदी का टैक्स लगाने का ऐलान कर दिया है, जो 10 अप्रैल से लागू होगा. इसका असर इतना जबरदस्त रहा कि महज दो दिनों में दुनियाभर में 9 ट्रिलियन डॉलर की मार्केट वैल्यू उड़नछू हो गई.
अमेरिका में बाजारों का सबसे बुरा दिन
अमेरिकी स्टॉक मार्केट में शुक्रवार को ऐतिहासिक गिरावट देखी गई. S&P 500 में 6 फीसदी, डॉव जोंस में 5.5 फीसदी और Nasdaq में 5.8 फीसदी की भारी गिरावट. वहीं सोमवार को फ्यूचर्स और भी ज़्यादा नीचे जा रहे थे. अमेरिकी क्रूड ऑयल की कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई और डॉलर की वैल्यू गिरकर 145.98 येन पर पहुंच गई.
भारत भी नहीं बचा, सेंसेक्स-निफ्टी धराशायी
भारत में सोमवार को शेयर बाजार में कोहराम मच गया. सेंसेक्स 2,227 अंकों की गिरावट के साथ 73,137.90 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 743 अंक गिरकर 22,161.60 पर आ गया. दिन भर की ट्रेडिंग में दोनों इंडेक्स करीब 5 फीसदी तक टूट गए थे, हालांकि अंत में थोड़ी रिकवरी हुई. Tata Steel (-7.78 फीसदी), L&T (-5.88 फीसदी), Tata Motors (-5.56 फीसदी) जैसे दिग्गज स्टॉक्स बुरी तरह पिटे. टेक्नोलॉजी सेक्टर, जो अमेरिका पर ज्यादा निर्भर है, 7 फीसदी तक टूट गया, और मिड व स्मॉल कैप में 4-6 फीसदी तक की गिरावट दर्ज हुई.
विदेशी बाजारों में हाहाकार
जापान का Nikkei 225 7.1 फीसदी गिरा, जो पिछले कई वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट थी.
दक्षिण कोरिया का Kospi 5.5 फीसदी टूट गया और सर्किट ब्रेकर लगाना पड़ा.
ताइवान का बाजार 9.8 फीसदी गिरा, जिससे शॉर्ट सेलिंग पर रोक लगानी पड़ी.
सिंगापुर में मार्केट खुलते ही 8.5 फीसदी टूट गया.
ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 6.3 फीसदी की गिरावट के साथ 15 महीनों के निचले स्तर पर आ गया.
सऊदी अरब और खाड़ी के बाजार भी चित
सऊदी शेयर बाजार में 6.78 फीसदी की गिरावट देखी गई. कोविड काल के बाद की सबसे बड़ी. अरामको के शेयर 6.2 फीसदी गिरे, जिससे कंपनी की मार्केट वैल्यू में 133 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.