ट्रंप के सामने आते ही पीएम मोदी के दिमाग में चलेगी कुछ ऐसी पिक्‍चर

ट्रंप के सामने आते ही पीएम मोदी के दिमाग में चलेगी कुछ ऐसी पिक्‍चर


दिन- शुक्रवार (भारत के समयानुसार), 14 फरवरी की तारीख, रात के 2 बजकर 35 मिनट का वक्त, जगह- व्हाइट हाउस और सामने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में क्या चल रहा होगा? जंजीरों से हाथ-पैर बांधकर भेजे गए 104 भारतीयों की तस्वीरें, बार-बार भारत को ‘टैरिफ किंग’ कहकर संबोधित करना, टैरिफ को लेकर भारत की ओर से दिए जा रहे बयान या H-1B को लेकर ट्रंप की सख्त पॉलिसी.

दूसरे कार्यकाल में पहली और बतौर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी मुलाकात होने जा रही है. इस मुलाकात पर सबकी नजर है. क्या ट्रंप पीएम मोदी से उसी तरह मिलेंगे, जिस तरह वह पिछले कार्यकाल में ‘दोस्त’ मोदी से मिल थे क्योंकि अब हालात और मुद्दे बहुत बदल चुके हैं. सत्ता संभालने के बाद से टैरिफ और अवैध अप्रवासियों के मुद्दे पर ट्रंप सख्त रुख अपनाए हुए हैं, इससे लगता है कि यूएस फर्स्ट की नीति पर चल रहे ट्रंप के लिए दोस्ती से ऊपर देश है. इस बीच दोनों नेताओं की इस खास मुलाकात के दौरान सबकी नजर ट्रंप के मिजाज से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक हर चीज पर होगी. 

ट्रेड और टैरिफ
ट्रंप की ओर से बार-बार दी जा रहीं टैरिफ धमकियों के बीच आर्थिक सहयोग मीटिंग का मुख्य मुद्दा होगा. भारत ने चीन, कनाडा और मेक्सिको पर टैरिफ लगाए हैं. हालांकि, कनाडा और मेक्सिको के लिए टैरिफ पर एक महीने के रोक लगा दी गई है. अभी तक भारत को टैरिफ नीति में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन एल्यूमिनियम और स्टील के निर्यात पर जो 25 पर्सेंट के टौरिफ लगाए गए हैं, उसका असर भारत पर भी पड़ेगा. 

अमेरिका आयात और निर्यात के लिए भारत का सबसे बड़ा पार्टनर है. अमेरिकी दस्तावेजों के अनुसार 2023-24 में दोनों देशों के बीच 118 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था, जिसमें भारत का हिस्सा ज्यादा है. भारत अमेरिका को निर्यात ज्यादा करता है और आयात कम, जिससे भारत को 45.6 बिलियन डॉलर का फायदा मिला. इससे ट्रंप खुश नहीं हैं, जिस वजह से कई बार वह भारत को ‘टैरिफ किंग’ कहकर भी संबोधित कर चुके हैं. 

ट्रंप के आर्थिक सलाहकार केविन हेसेट ने सोमवार (10 फरवरी, 2025) को कहा कि भारत हाई टैरिफ लगाता है, जो अमेरिकी निर्यात को कम करता है. उन्होंने कहा कि सोमवार को होने जा रही मीटिंग में पीएम मोदी के पास ट्रंप से चर्चा करने के लिए बहुत कुछ होगा. इसके अलावा, पीएम मोदी ऊर्जा और डिफेंस इंपोर्ट बढ़ाने का प्रस्ताव भी डोनाल्ड ट्रंप के सामने रख सकते हैं. अमेरिका भारत के निर्यात पर करीब तीन पर्सेंट और भारत अमेरिका के निर्यात पर करीब साढ़े नौ पर्सेंट का टैरिफ लगाता है.

डिफेंस
पिछले महीने डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ फोन कॉल पर यूएस मिलिट्री टेक्नोलॉजी में विस्तार की बात की थी. उन्होंने फाइटर जेट, ड्रोन और बख्तरबंद गाड़ियों में अमेरिकी टेक्नोलॉजी को बढ़ाने के लिए कहा था. ट्रंप भारत को F-35 फाइटर जेट बेचना चाहते हैं. भारत अमेरिका से P-8 लॉन्ग-रेंज मैरिटाइम पेट्रोल और सबमरीन-हॉल्टिंग एयरक्राफ्ट खरीदने का भी इच्छुक है, जिसकी खरीद पर तीन साल के लिए रोक लगा दी गई थी. मीटिंग में इस पर भी चर्चा हो सकती है.

डिपोर्टेशन और वीजा पॉलिसी
सबसे अहम मुद्दे इमीग्रेशन और वीजा पॉलिसी पर भी पीएम मोदी ट्रंप से बात कर सकते हैं. अमेरिका ने पिछले हफ्ते अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीय अप्रवासियों को भारत भेजा था. 487 और भारतीयों को भेजे जाने की तैयारी है. इसे लेकर विपक्ष भारत सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी का कहना है कि अमेरिका में 7.25 लाख इलीगल इमीग्रेंट्स हैं, जिनेमें से 24 हजार अमेरिकी सरकार की कस्टडी में हैं. 

डिपोर्टेशन में भारतीयों के साथ बेहतर व्यवहार की मांग कर सकते हैं पीएम मोदी
सरकार साफ कर चुकी है कि वह अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है, लेकिन जिस तरह जंजीरों से हाथ-पैर बांधकर भारतीयों को भेजा गया, उसको लेकर पीएम मोदी ट्रंप से बात कर सकते हैं. डिपोर्टेशन के लिए भारतीयों के साथ बेहतर व्यवहार की मांग की जा सकती है. साथ ही प्रधानमंत्री आईटी-वर्कर्स के लिए जरूरी H1B वीजा को लेकर अमेरिकी सरकार की सख्त नीतियों में रियायत का मुद्दा भी रख सकते हैं.

ऊर्जा सहयोग बढ़ाने पर हो सकती है बात
फ्रांस में एआई समिट से इतर पीएम मोदी और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने एनर्जी सहयोग को बढ़ावा देने के मुद्दे पर बात की थी, जिसको ट्रंप के साथ बैठक में आगे ले जाया जा सकता है. संभावना है कि अमेरिका भारत पर तेल और गैस खरीदने और रूस पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए दबाव बना सकता है. इसके बदले में पीएम मोदी ट्रंप से न्यूक्लियर एनर्जी प्रोजेक्ट्स में निवेश करने की मांग कर सकते हैं. 

 

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