ट्रंप ने कहा- ‘दुनियाभर के देश मेरे आगे नाक रगड़ रहे हैं’, ‘टैरिफ पर अब भारत ने दिया क्या जवाब

ट्रंप ने कहा- ‘दुनियाभर के देश मेरे आगे नाक रगड़ रहे हैं’, ‘टैरिफ पर अब भारत ने दिया क्या जवाब


भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने के बीच भारत ने बुधवार को कहा कि वह अमेरिका के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को जल्द अंतिम रूप देने के लिए बात कर रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अमेरिकी शुल्क उपायों के लागू होने पर यह टिप्पणी की. उन्होंने दोनों देशों के मजबूत व्यापार और आर्थिक संबंधों पर जोर देने के साथ ही उम्मीद जताई कि बीटीए पर बातचीत सफल होगी. उन्होंने कहा कि सरकार अमेरिका के जवाबी शुल्क के प्रभावों का आकलन कर रही है और हितधारकों से बात कर रही है.

अमेरिका ने भारत समेत कई देशों पर जवाबी सीमा शुल्क लगाने की घोषणा की है. फरवरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक व्यापार समझौते के पहले चरण पर बातचीत करने की सहमति जताई थी.

दुनिया भर के देश मेरे आगे नाक रगड़ रहे हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि दुनिया भर के नेता अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने को बेताब हैं और शुल्क घोषणा पर समझौता करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. ट्रंप ने कहा, ”मैं आपको बता रहा हूं, ये देश हमसे संपर्क कर रहे हैं. मेरे आगे नाक रगड़ रहे हैं.”

ट्रंप ने पिछले कुछ दिनों में विभिन्न देशों पर कई तरह के शुल्क लगाए हैं जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की स्थिति पैदा हो गई है. उन्होंने कहा, ”वे समझौता करने के लिए बेताब हैं। वे कह रहे हैं, ‘कृपया, कृपया सर, हमसे समझौता कर लें, मैं इसके लिए कुछ भी करूंगा सर.”

ट्रंप द्वारा घोषित कई नए शुल्क बुधवार सुबह से प्रभावी हो गए. उन्होंने दवाओं के आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की बात भी कही है.

हम दवाओं पर शुल्क लगाने जा रहे हैं- ट्रंप
‘फॉक्स न्यूज’ ने ट्रंप के हवाले से कहा, ”हम दवाओं पर शुल्क लगाने जा रहे हैं और एक बार जब हम ऐसा कर देंगे तो वे हमारे देश में वापस आ जाएंगे, क्योंकि हम बड़े बाजार हैं.”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ”हम बहुत जल्द ही दवाओं पर बड़ा शुल्क लगाने की घोषणा करने जा रहे हैं. जब वे इसके बारे में सुनेंगे, तो चीन से दूर हो जाएंगे. वे दूसरे स्थानों को छोड़ देंगे, क्योंकि उन्हें बेचना है – उनका अधिकांश उत्पाद यहां बेचा जाता है.”



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