रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो न्यूक्लियर सबमरीन्स की तैनाती रूस के तटों पर करवा दी थी. अब इसके बाद व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा फैसला लिया है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस अब इंटरमीडिएट-रेंज की मिसाइल की तैनाती पर लगी रोक को हटा रहा है.
रूस के विदेश मंत्रालय ने सोमवार (4 अगस्त) को घोषणा की है कि वे मिसाइलों की तैनाती पर लगे प्रतिबंध वाली संधि को तोड़ रहे हैं. वे इसका पालन नहीं करेंगे. हालांकि अमेरिका पिछले एक दशक में कई बार रूस पर इस संधि को तोड़ने का आरोप लगा चुका है. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी इंटरमीडिएट-रेंज की मिसाइलों के इस्तेमाल की बात सामने आयी थी.
रूस के विदेश मंत्रालय ने क्या दी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ”रूस अब खुद पर इंटरमीडिएट और शॉर्ट-रेंज मिसाइलों को लेकर लगाई गई उन पाबंदियों में बंधा हुआ महसूस नहीं करता है.” अहम बात यह भी है कि रूस ने इसको लेकर पहले भी संकेत दिए थे. राष्ट्रपति पुतिन ने दिसंबर 2024 में कहा था कि रूस 2025 की दूसरी छमाही में मिसाइलों की तैनाती बेलारूस में कर सकता है.
इंटरमीडिएट-रेंज की मिसाइल को लेकर क्या हुई थी संधि
अमेरिका और सोवियत यूनियन के बीच इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (INF) ट्रीटी 1987 में साइन हुई थी. इसके तहत 500 से 5500 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइलों की तैनाती पर रोक लगा दी गई थी. हालांकि अमेरिका 2019 में इस संधि से बाहर हो गया. अब अमेरिका ने सबमरीन्स को रूस के करीब भेज दिया है. लिहाजा रूस ने भी संधि को तोड़ने की घोषणा कर दी.
सबमरीन्स की तैनाती पर क्या बोले थे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार (1 अगस्त) सोशल मीडिया हैंडल ट्रूथ पर पोस्ट शेयर कर कहा था कि सबमरीन्स को उचित जगहों पर भेजने का आदेश दे दिया गया है. ट्रंप ने यह कदम रूसी सुरक्षा परिषद के डिप्टी चेयरमैन और पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के बयान के बाद उठाया है. दावा किया गया है कि मेदवेदेव ने भड़काऊ भाषण दिया था.