ट्रंप ने जॉर्डन-मिस्र को दी फिलिस्तीनियों को शरण देने की सलाह! इजरायल खुश, हमास ने कह दी ये बात

ट्रंप ने जॉर्डन-मिस्र को दी फिलिस्तीनियों को शरण देने की सलाह! इजरायल खुश, हमास ने कह दी ये बात


Israel Palestine Conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जॉर्डन और मिस्र को गाजा से ज्यादा फिलिस्तीनियों को स्वीकार करने वाली टिप्पणी पर घमासान मच गया है. ये बयान गाजा के निवासियों और इसके पड़ोसियों में चिंता का कारण बन गया है. इस प्रस्ताव से गाजा के 2.3 मिलियन फिलिस्तीनियों को समुद्री तट से बाहर किए जाने का डर और अरब देशों में चिंता बढ़ गई है, जो लंबे समय से इस तरह के विस्थापन से होने वाले अस्थिरता के प्रभावों से परेशान हैं.

फिलिस्तीनियों के लिए “नकबा” या आपदा का खौफ लंबे समय से छाया हुआ है, जब 1948 में इजरायल के निर्माण के समय 700,000 फिलिस्तीनियों को उनके घरों से बेदखल कर दिया गया था. इनमें से कई लोग या उनके वंशज आज भी जॉर्डन, सीरिया, लेबनान में शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं, जबकि कुछ गाजा में आकर बसे थे. इजरायल इस बात से इनकार करता है कि उन्हें मजबूरन निकाला गया था.

गाजा में इस संघर्ष के दौरान क्या हुआ है?

हाल के संघर्ष में इजरायल ने गाजा में बमबारी और जमीनी हमला किया, जिससे शहरी इलाके तबाह हो गए. फिलिस्तीनी और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों का कहना है कि अब गाजा में कोई सुरक्षित क्षेत्र नहीं बचा है. अधिकांश गाजा के निवासी पहले ही इजरायल के आक्रमण के कारण कई बार विस्थापित हो चुके हैं, जो 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजरायल पर हमले के बाद हुआ था, जिसमें 1,200 लोगों की मौत हुई थी.

गाजा के कई फिलिस्तीनी निवासियों ने कहा है कि वे छोड़ने को तैयार नहीं हैं, भले ही उन्हें मौका मिले, क्योंकि उन्हें डर है कि ऐसा करने से उन्हें स्थायी विस्थापन का सामना करना पड़ेगा, जैसा 1948 में हुआ था. इजरायल ने गाजा के उत्तर में रहने वाले फिलिस्तीनियों से दक्षिणी क्षेत्रों में स्थानांतरित होने का कहा था, लेकिन जैसे-जैसे हमला बढ़ा, इजरायल ने उन्हें राफा की ओर जाने को कहा.

अरब, पश्चिमी देशों और संयुक्त राष्ट्र क्या कहते हैं?

संघर्ष की शुरुआत से ही अरब सरकारों, खासकर मिस्र और जॉर्डन ने कहा है कि फिलिस्तीनियों को उनके घर से बेदखल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि वे भविष्य में एक स्वतंत्र राज्य बनाना चाहते हैं, जिसमें पश्चिमी तट और गाजा शामिल होंगे. इजरायल का हमला फिलिस्तीनियों की वापसी की संभावना को और कम कर सकता है, जिससे दो-राज्य समाधान की संभावना और कमजोर हो सकती है.

इजरायल के विदेश मंत्री, इजरायल कैट्ज़ ने 16 फरवरी 2024 को कहा था कि इजरायल गाजा से फिलिस्तीनियों को निर्वासित करने की योजना नहीं बना रहा है. उन्होंने कहा कि इजरायल मिस्र के साथ समन्वय करेगा ताकि फिलिस्तीनी शरणार्थियों को नुकसान न पहुंचे. हालांकि, कुछ इजरायली नेताओं के बयान फिलिस्तीनी और अरब देशों में नए नकबा के डर को हवा दे रहे हैं.

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