Donald Trump-Harvard University Row: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच विवाद गहराता जा रहा है. ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड में विदेशी छात्रों के एडमिशन पर रोक लगा दी थी. इसके बाद यूनिवर्सिटी ने उसके खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया. हार्वर्ड ने शुक्रवार (23 मई, 2025) को दूसरी बार मुकदमा दायर किया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बाबत हार्वर्ड के अध्यक्ष डॉ. एलन एम. गार्बर ने एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा गया, “हम इस गैरकानूनी और अनुचित कार्रवाई की निंदा करते हैं. यह हार्वर्ड के हजारों छात्रों और विद्वानों के भविष्य को खतरे में डालता है और देश भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले उन अनगिनत लोगों के लिए चेतावनी है जो अपनी शिक्षा पाने के लिए और अपने सपने पूरे करने के लिए अमेरिका आए हैं.”
हार्वर्ड ने ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन पर लगाया रिटैलिएशन का आरोप
विश्वविद्यालय ने संकेत दिया कि वह एक अस्थायी निरोधक आदेश के लिए अनुरोध भी दायर करेगा जिसमें एक जज से प्रशासन की कार्रवाई को तुरंत रोकने के लिए कहा जाएगा. कुछ ही सप्ताहों में यह दूसरी बार था जब विश्वविद्यालय ने ट्रंप सरकार पर मुकदमा दायर किया. नए मुकदमे में हार्ववर्ड ने ट्रंप प्रशासन पर साफ तौर पर प्रतिशोध का आरोप लगाया है.
‘विदेशी छात्रों के बिना हार्वर्ड नहीं’
मुकदमे में कहा गया है, “सरकार ने एक कलम के झटके से हार्वर्ड के एक चौथाई छात्र-छात्राओं को मिटाने की कोशिश की है, जो अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं और जो विश्वविद्यालय और इसके मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बिना हार्वर्ड हार्वर्ड नहीं है.”
ट्रंप प्रशासन ने क्या कहा?
प्रशासन ने कहा कि हार्वर्ड ने 16 अप्रैल को भेजी गई मांगों की सूची का अनुपालन नहीं किया है, जिसमें पांच साल पहले की विरोध गतिविधियों के रिकॉर्ड शामिल थे. ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड और अन्य टॉप की यूनिवर्सिटियों पर अपनी कार्रवाई को यहूदी विरोधी भावना से निपटने और परिसर में उदार पूर्वाग्रहों का सामना करने की एक कोशिश बताया है.
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