ट्रंप ने 5 भारतवंशी टेक CEO को दिया व्हाइट हाउस में डिनर का न्योता, मस्क को नहीं भेजा बुलावा

ट्रंप ने 5 भारतवंशी टेक CEO को दिया व्हाइट हाउस में डिनर का न्योता, मस्क को नहीं भेजा बुलावा


White House Dinner: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गुरुवार को व्हाइट हाउस में तकनीकी उद्योग के शीर्ष अधिकारियों के लिए डिनर आयोजित करेंगे, जिसमें पांच भारतीय अमेरिकी शीर्ष अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित है. इस सूची में माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्यम नडेला, गूगल के CEO सुंदर पिचाई, माइक्रोन टेक्नोलॉजीज के CEO संजय मेहत्रो, TIBCO के चेयरमैन विवेक रानादिव और Palantir के CTO श्याम संकर शामिल हैं. 

डिनर में Meta के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, एप्पल के CEO टिम कुक, माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स, OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन और Oracle की CEO सफ़रा कैट्ज़ समेत अन्य बड़ी कंपनियों के नेता भी आमंत्रित हैं. ये सभी कंपनियां भारत में महत्वपूर्ण संचालन रखती हैं, जिससे भारतीय अमेरिकी उपस्थिति और भारत के साथ कारोबारी संबंधों की अहमियत झलकती है. टेस्ला/स्पेसX के Elon Musk इस बैठक में अनुपस्थित रहेंगे. 

जानें क्या है इस बैठक का उद्देश्य

व्हाइट हाउस ने डिनर के उद्देश्य या एजेंडा पर अभी तक कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है. यह डिनर उस बैठक के बाद होगा, जिसे प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आयोजित किया था. बैठक का उद्देश्य अमेरिकी युवाओं के लिए AI शिक्षा को बढ़ावा देना बताया गया है, जिससे संकेत मिलता है कि AI और उभरती तकनीकों पर चर्चा डिनर के मुख्य विषय हो सकते हैं. 

इस कार्यक्रम का समन्वय व्हाइट हाउस के क्रिप्टो और AI सलाहकार डेविड सैक्स कर रहे हैं, जिनका मकसद टेक समुदाय को ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकताओं के अनुरूप जोड़ना है. इसमें विविधता और इक्विटी पहलों में कटौती भी शामिल है, जो अमेरिकी तकनीकी उद्योग में विदेशी और भारतीय कर्मचारियों की उपस्थिति से जुड़ी है. साथ ही, सीनियर AI पॉलिसी सलाहकार श्रीराम कृष्णन भी मौजूद रहेंगे, जो अमेरिकी “AI एक्शन प्लान” के सह लेखक हैं और प्रशासन की AI नीति बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. 

कई दिग्गज नहीं बनेंगे इस बैठक का हिस्सा

भारतीय मूल के नेताओं की बड़ी उपस्थिति और भारत में काम कर रही प्रमुख कंपनियों के अधिकारियों की भागीदारी यह दिखाती है कि तकनीकी क्षेत्र में भारत की भूमिका व्हाइट हाउस के लिए बेहद अहम है. हालांकि, अमेरिका प्रथम नीतियों का समर्थन करने वाले कई वर्ग विदेशी कामगारों को लेकर नकारात्मक सोच रखते हैं. दूसरी ओर, आईबीएम के प्रमुख अरविंद कृष्णा और एडोब सिस्टम्स के शांतनु नारायण सहित करीब आधा दर्जन भारतीय मूल के बड़े उद्योगपति इस डिनर में शामिल नहीं होंगे.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *