ट्रंप 2.0 में फिर दिखी भारत की धाक, अमेरिका के नए विदेश मंत्री की पहली बैठक भारत के साथ

ट्रंप 2.0 में फिर दिखी भारत की धाक, अमेरिका के नए विदेश मंत्री की पहली बैठक भारत के साथ


India-US Foreign Ministers : अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मंगलवार (21 जनवरी) को वॉशिंगटन में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक की. भारत के लिए यह बैठक काफी अहम थी, क्योंकि अमेरिका के नए विदेश मंत्री पारंपरिक रूप से अपनी पहली विदेशी बैठक कनाडा या मैक्सिको जैसे पड़ोसी या नाटो सहयोगी देश के साथ करते हैं. बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत की ओर से अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए गए हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (20 जनवरी) को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है.

अमेरिकी विदेश विभाग ने जारी किया कार्यक्रम

अमेरिकी विदेश विभाग ने नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो के पहले दिन के कार्यक्रम को जारी करते हुए कहा, “रुबियो ने विदेश विभाग में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ मुलाकात की.” विभाग ने आगे कहा, “दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो शीर्ष राजनयिकों के बीच यह बैठक विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में संपन्न हुई, जो क्वाड की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक के तुरंत बाद हुई.”

अमेरिका और भारत के बीच मजबूत साझेदारी पर दिया जोर

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ अमेरिकी विदेश मार्को रुबियो ने अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक की. इस बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने अमेरिका और भारत के साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया. इस दौरान उन्होंने कई क्षेत्रीय मुद्दों के साथ भारतीय-अमेरिकी संबंध, रक्षा सहयोग, ऊर्जा, उभरती तकनीक और ओपन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के बढ़ावा देने पर जोर दिया. वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए ट्रंप प्रशासन की इच्छा का जिक्र किया और असामान्य माइग्रेशन पर चिंता भी जताई.

ट्रंप प्रशासन में बढ़ा भारत का कद

अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने बहुपक्षीय बैठक के रूप में क्वाड की मंत्रिस्तरीय बैठक और भारत के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक की. इन बैठकों का निर्णय इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि अमेरिका के नए प्रशासन की पहली विदेशी बैठक पारंपरिक रूप से कनाडा या मैक्सिको जैसे पड़ोशी देश या नाटो सहयोगी देश के साथ होता है.

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