भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही है, लेकिन अब मामला अटकता नजर आ रहा है. इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक अमेरिका अपने डेयरी प्रॉडक्ट्स को भारत भेजना चाहता है, लेकिन भारत ने इंकार कर दिया है. अमेरिका गाय के मांसाहारी दूध को भी भेजना चाहता है. भारत इसी बात को लेकर तैयार नहीं है. उसका कहना है कि डेयरी प्रॉडक्ट्स को लेकर प्रमाण पत्र की जरूरत होगी.
भारत दूध उत्पादन के मामले में दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक है. डेयरी क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था में 3 प्रतिशत तक का योगदान देता है, जिसका कुल मूल्य लगभग 9 लाख करोड़ रुपए है. एसबीआई के मुताबिक अगर अमेरिका डेयरी सेक्टर से जुड़ा सामान भेजता है तो इससे भारत को हर साल 1.03 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है. उसने अमेरिका को इंकार करते वक्त धार्मिक भावनाओं का भी हवाला दिया है.
क्या होता है गाय का मांसाहारी दूध
दरअसल भारत में गायों को घास और चारा खिलाया जाता है. इसके साथ-साथ और भी कई चीजें खाने के तौर पर दी जाती हैं, लेकिन अमेरिका में इसका बहुत ही ज्यादा कम है. वहां चारे में सस्ते प्रोटीन के तौर पर सूअर, मुर्गी, मछली या घोड़े की चर्बी खिला दी जाती है. इसी वजह से भारत उसके डेयरी प्रॉडक्ट्स को नहीं लेना चाहता है. अमेरिका ने इस मामले पर कहा है कि यह ट्रेड डील में बेवजह की दिक्कत पैदा कर रहा है.
भारत के साथ ट्रेड डील पर क्या बोले ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि भारत के साथ ट्रेड डील को लेकर लगातार बात चल रही है. उन्होंने कहा कि हम इंडोनेशिया की तरह ही भारत के साथ डील करेंगे. इंडोनेशिया में कॉपर सेक्टर काफी मजबूत है. ट्रंप का कहना है कि उन्हें बिना किसी टैरिफ के इंडोनेशिया में एक्सेस मिल जाएगा.