डीयू में छात्रों की मदद के लिए मैदान में उतरा एसैप, एडमिशन हेल्प डेस्क और हेल्पलाइन नंबर किए जा

डीयू में छात्रों की मदद के लिए मैदान में उतरा एसैप, एडमिशन हेल्प डेस्क और हेल्पलाइन नंबर किए जा


इस समय देश भर की तमाम विश्वविद्यालय में दाखिले चल रहे हैं. साथ ही दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी दाखिला प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है. विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए हजारों छात्र देशभर से यहां पढ़ने का सपना लेकर पहुंच रहे हैं. लेकिन इस प्रक्रिया में कई बार छात्रों को जरूरी जानकारी की कमी और सिस्टम की पेचीदगियों से परेशानी झेलनी पड़ती है. इन्हीं समस्याओं को आसान करने के लिए आम आदमी पार्टी के छात्र संगठन एसैप (AISAAP) ने एक नई पहल शुरू की है.

एसैप ने डीयू की आर्ट्स फैकल्टी के बाहर एडमिशन हेल्प डेस्क लगाया है, जहां यूजी और पीजी में दाखिला लेने वाले छात्र किसी भी सवाल का जवाब पा सकते हैं. संगठन ने जोन वार हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, ताकि दूरदराज से आए छात्र भी मदद ले सकें. एसैप की सदस्य ईशना गुप्ता ने बताया कि छात्रों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क सुबह से शाम तक सक्रिय रहेगा और सोशल मीडिया के जरिए भी हर छात्र तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.

हर छात्र को मिलेगा सपोर्ट

ईशना गुप्ता ने बताया कि एसैप का मकसद केवल राजनीति नहीं, बल्कि छात्रों का सपोर्ट सिस्टम बनना है. उन्होंने कहा कि कई छात्र आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और सही मार्गदर्शन के अभाव में पिछड़ जाते हैं. ऐसे में एसैप का प्रयास है कि उन्हें हर जरूरी जानकारी समय पर मिले, ताकि उनका दाखिला बिना किसी रुकावट के हो सके.

उन्होंने बताया कि चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी हरियाणा की घटना में भी एसैप ने मौके पर जाकर छात्रों की मदद की थी और भोजन व आर्थिक सहायता भी दी थी. एसैप अब डीयू में भी इसी सेवा भावना से काम कर रहा है.

‘‘रील राजनीति’’ पर साधा निशाना

एसैप सदस्य दीपक बंसल ने डीयू में छात्र राजनीति को लेकर एबीवीपी और एनएसयूआई पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये दोनों संगठन अब रील बनाकर राजनीति कर रहे हैं और छात्रों की असली समस्याओं से दूर हो चुके हैं. उन्होंने एक घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि डूसू ऑफिस में एबीवीपी द्वारा ताला लगाने और फिर एनएसयूआई द्वारा हथौड़ा लेकर तोड़ने की स्क्रिप्टेड घटना ने यह साबित कर दिया है कि इनका मकसद सिर्फ दिखावा है.

बुनियादी सुविधाओं की मांग

दीपक बंसल ने डीयू प्रशासन से मांग की कि सभी कॉलेजों में ठंडे पानी के कूलर, साफ-सुथरे हॉस्टल मेस, फायर सेफ्टी सिस्टम, और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर सुनिश्चित किए जाएं. उन्होंने यह भी कहा कि हॉस्टल और यूनिवर्सिटी फीस में जो अनावश्यक बढ़ोतरी की जा रही है, उसे रोका जाए.

शिक्षा मुफ्त हो, सिस्टम पारदर्शी

एसैप का कहना है कि जैसे दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारा, वैसे ही डीयू जैसे सरकारी विश्वविद्यालयों में शिक्षा को मुफ्त और सुविधाजनक बनाना चाहिए. अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो एसैप जल्द ही कुलपति को ज्ञापन देगा और जरूरत पड़ने पर प्रदर्शन भी करेगा.

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