डूबेंगे पैस या निवेशक होंगे मालामाल, शेयर बाजार के लिए कैसा रहेगा साल 2025?

डूबेंगे पैस या निवेशक होंगे मालामाल, शेयर बाजार के लिए कैसा रहेगा साल 2025?


शेयर बाजार के लिए दिसंबर का पिछला हफ्ता अच्छा नहीं रहा. बीते हफ्ते निवेशकों के 18 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए. हर तरफ सिर्फ लाल ही लाल दिखा. बड़ी कंपनियां भी इस गिरावट से खुद को नहीं बचा पाईं. यहां तक कि इस गिरावट के चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 441 लाख करोड़ रुपये रह गया. 

सिर्फ एक हफ्ते में बीएसई 5 फीसदी गिर गया. ऐसे में ये सवाल जायज है कि आने वाला साल भारतीय शेयर बाजार के लिए कैसा रहने वाला है. चलिए आज इस खबर में एक रिपोर्ट के आधार पर इस सवाल का जवाब तलाशते हैं.

रिपोर्ट में क्या है?

मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार 2024 का अंत मजबूत आर्थिक विकास के दम पर सकारात्मक नोट पर करेगा. वहीं, निफ्टी में सालाना 13% की बढ़त दर्ज होने की संभावना है. यह लगातार नौवां साल होगा जब भारतीय बाजार सकारात्मक बढ़त के साथ वर्ष समाप्त करेगा.

कैसा रहा 2024

रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2024 की पहली छमाही में कॉर्पोरेट आय में वृद्धि, घरेलू प्रवाह में उछाल और मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक के चलते निफ्टी सितंबर में 26,277 के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा था. हालांकि, पिछले दो महीनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली और घरेलू-वैश्विक आर्थिक कारकों के चलते बाजार अपने उच्चतम स्तर से 11% नीचे आ चुका है.

शेयर बाजार के लिए कैसा रहेगा 2025

रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में बाजार में कंसोलिडेशन जारी रह सकता है. हालांकि, दूसरी छमाही में सुधार की संभावना है, जो ग्रामीण खर्च में वृद्धि, शादी के सीजन में तेजी और सरकारी खर्च में बढ़ोतरी के चलते संभव होगी. वहीं, वित्त वर्ष 2025-27 के दौरान आय में 16% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की जा सकती है.

बड़ी आर्थिक और राजनीतिक घटनाएं

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय शेयर बाजार पर घरेलू और वैश्विक घटनाओं का बड़ा असर पड़ेगा. फरवरी 2024 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की संभावित दर कटौती और अमेरिका में ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीद से बाजार में अस्थिरता देखने को मिल सकती है. इसके अलावा, जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद व्यापार नीति में बदलाव की संभावना भी बाजार पर असर डाल सकती है.

फरवरी का केंद्रीय बजट बनेगा निर्णायक

रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2024 में पेश किया जाने वाला केंद्रीय बजट बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. कमजोर वैश्विक आर्थिक माहौल और घरेलू स्तर पर मिश्रित व्यापक आर्थिक कारकों के चलते बाजार निकट अवधि में कंसोलिडेशन मोड में रह सकता है.

इन बातों का भी होगा असर

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियों की मजबूत बैलेंस शीट और आर्थिक विकास की संभावनाएं दीर्घकालिक रुझानों को सकारात्मक बनाए रखेंगी. रिपोर्ट के मुताबिक, मजबूत घरेलू मांग और बढ़ती ग्रामीण आय 2025 के बाद बाजार को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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