Iran-US Conflict : ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच काफी लंबे समय से संघर्ष चला आ रहा है. लेकिन अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोबारा सत्ता में आने के बाद ईरान पर लगातार दबाव बढ़ाने में लगे हैं. इसके लिए ट्रंप ईरान को सैन्य कार्रवाई तक की धमकी भी दी है. हालांकि, अब ईरान की ओर से ट्रंप की धमकियों का जवाब दिया गया है.
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने मंगलवार (11 मार्च) को कहा, “डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के बीच ईरान अमेरिका से किसी भी स्थिति में अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर बात नहीं करेगा.” उन्होंने ट्रंप को करारा जवाब देते हुए कहा, “जो करना है कर लो!”
वहीं, इसके तुरंत बाद ईरान ने रूस और चीन के साथ मिलकर एक संयुक्त सैन्य अभ्यास कर अपनी ताकत दिखाई है. राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने कहा, “हमें यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है कि संयुक्त राज्य अमेरिका हमें किसी तरह का आदेश या धमकी दे. मैं तुमसे (अमेरिका) बात भी नहीं करूंगा. जो करना है कर लो.”
अली खामेनेई ने अमेरिका के धमकी पर क्या कहा?
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने ट्रंप की धमकियों को लेकर शनिवार (8 मार्च) को कहा था कि ईरान अमेरिका से किसी भी तरह के दबाव में आकर बातचीत नहीं करेगा. खामेनेई ने कहा, “अमेरिका के बातचीत करने के पीछे का उद्देश्य समस्या का निपटारा करना नहीं, बल्कि उन्हें अपना अधिकार जमाना है.”
अली खामेनेई का यह बयान ट्रंप के एक दावे के बाद आया, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने ईरान के साथ नए परमाणु समझौते के लिए खामेनेई को एक पत्र लिखा है. हालांकि, ईरान ने ट्रंप की ओर से किसी भी पत्र के मिलने से इनकार कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में दोबारा सत्ता में आई ट्रंप सरकार ने एक बार फिर से ईरान पर अधिक दबाव की नीति लागू कर दी है और इस नीति के माध्यम से अमेरिका ईरान की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और उसके तेल निर्यात को शून्य करने की कोशिश में जुटा हुआ है.