China Drone Mothership: चीन ने एक बार फिर दुनिया को चौंकाने वाला सैन्य कदम उठाया है. उसका नया ड्रोन कैरियर ‘Jiu Tian’ या ‘drone mothership’ अब पहली टेस्ट फ्लाइट के लिए तैयार है. यह अत्याधुनिक ड्रोन विमान एक साथ 100 छोटे ड्रोन छोड़ने में सक्षम है, जो दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह ठप करने की रणनीति के तहत बनाया गया है.
Jiu Tian की ताकत क्या है?
Jiu Tian को चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की एयरफोर्स में शामिल किया जाएगा. यह जेट-पावर्ड ड्रोन कैरियर करीब 6 टन तक गोला-बारूद और छोटे ड्रोन ले जा सकता है. इसकी अधिकतम उड़ान क्षमता 7,000 किलोमीटर बताई जा रही है. जब यह पूरी तरह से सक्रिय होगा, तब यह ड्रोन का झुंड (Swarm) छोड़ने में सक्षम होगा, जो एकसाथ काम करके दुश्मन के रक्षा कवच को भेद सकेगा.
कैसे करता है काम?
एक वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि Jiu Tian अपने फ्यूसलेज के दोनों ओर से कई छोटे ड्रोन छोड़ सकता है. ये सभी ड्रोन मिलकर एक संगठित हमले की तरह काम करेंगे. यह सिस्टम दुश्मन की एयर डिफेंस को भ्रमित कर अप्रत्याशित तरीके से हमला करने में सक्षम है.
अमेरिकी तकनीक को चुनौती
Jiu Tian को अमेरिका के एडवांस्ड UAVs जैसे RQ-4 Global Hawk और MQ-9 Reaper का प्रतिस्पर्धी माना जा रहा है. चीन का यह नया कदम साफ इशारा करता है कि वह अपने ड्रोन वॉरफेयर सिस्टम को वैश्विक स्तर पर आगे ले जाने की तैयारी में है.
मल्टीफंक्शनल डिजाइन
इस ड्रोन मदरशिप को चीन की सरकारी एरोस्पेस कंपनी Aviation Industry Corporation of China ने डिज़ाइन किया है और इसका निर्माण Xi’an Chida Aircraft Parts Manufacturing द्वारा किया गया है. कंपनी का दावा है कि Jiu Tian ना केवल सैन्य अभियानों में, बल्कि हाई-सिक्योरिटी ट्रांसपोर्ट, बॉर्डर डिफेंस और इमरजेंसी रेस्क्यू में भी इस्तेमाल हो सकता है.
ताइवान और वैश्विक सुरक्षा पर असर
Jiu Tian की घोषणा ऐसे समय हुई है जब चीन और ताइवान के बीच तनाव पहले से ही चरम पर है. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और अगर जरूरत पड़ी तो बल प्रयोग करने की धमकी भी दे चुका है. वहीं ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने द्वितीय विश्व युद्ध की 80वीं वर्षगांठ पर कहा, “आज हम उन्हीं लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खड़े हैं, जिनके लिए कभी यूरोप में युद्ध लड़ा गया था.”
आने वाले युद्ध की झलक
यह साफ है कि भविष्य का युद्ध केवल टैंक और सैनिकों से नहीं लड़ा जाएगा, बल्कि ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इसकी मुख्य धुरी होंगे. चीन का Jiu Tian उसी दिशा में एक बड़ा कदम है. भारत और बाकी लोकतांत्रिक देशों के लिए यह एक चेतावनी है कि रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता और इनोवेशन अब केवल विकल्प नहीं, अनिवार्यता बन चुके हैं.
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