तहव्वुर राणा के बाद अब नेक्स्ट कौन? 26/11 की दहशत के किन चेहरों की भारत को तलाश! ये रही लिस्ट

तहव्वुर राणा के बाद अब नेक्स्ट कौन? 26/11 की दहशत के किन चेहरों की भारत को तलाश! ये रही लिस्ट


Tahawwur rana Extradition: 26/11 का काला दिन आज भी देश की रूह को हिला देता है जब मुंबई की सड़कों पर गोलियों की आवाज, खून में लथपथ निर्दोष लोग और टीवी स्क्रीन पर टकटकी लगाए देशभर की आंखें, सबकुछ जैसे ठहर गया था. अब सालों बाद एक ऐसा मोड़ आया है, जिससे इस हमले की गहरी परतें खुल सकती हैं. तहव्वुर राणा, वही नाम जो इस हमले की साजिश का एक अहम मोहरा रहा है, अब भारत की गिरफ्त में है. उम्मीद है कि उसकी गवाही से 26/11 की उन कड़ियों का पर्दाफाश हो सकता है जो अब तक पाकिस्तान की जमीन पर छिपे बैठे हैं.

कौन-कौन सी हैं वो कड़ियां जिन्हें राणा कर सकता है बेनकाब?

  • मास्टरमाइंड हाफिज सईद का पर्दाफाश- राणा के सबसे नजदीकी दोस्त डेविड कोलमैन हेडली ने साफ कहा था कि हाफिज सईद ही इस पूरे हमले का प्लानर था. राणा के जरिए हाफिज सईद की भूमिका, उसकी बातचीत, ट्रेनिंग और ब्रेनवॉश की अंदरूनी बातें सामने आ सकती हैं.
  • ऑपरेशन कमांडर जकी उर रहमान लखवी- राणा की मदद से यह पता चल सकता है कि लखवी ने कैसे 10 आतंकियों का सलेक्शन किया, टारगेट्स तय किए और हमले के वक्त कराची कंट्रोल रूम से कैसे कमांड दिया.
  • प्रोजेक्ट मैनेजर सज्जाद मीर की भूमिका- हेडली की गवाही में सज्जाद मीर का नाम कई बार आया, जो हमलावरों का ट्रेनर था. राणा के पास उसके साथ होने वाले संवादों और प्लानिंग की जानकारी हो सकती है.
  • आईएसआई कनेक्शन मेजर इकबाल- राणा के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका उजागर हो सकती है. मेजर इकबाल ने न सिर्फ हमले की साजिश में पैसा लगाया, बल्कि हेडली को निर्देश और संसाधन भी दिए. राणा, इस पाकिस्तान-आईएसआई-लश्कर कनेक्शन की पुष्टि कर सकता है.
  • इलियास कश्मीरी- हेडली की गवाही के मुताबिक इलियास भी इस प्लान में शामिल था. तहव्वुर राणा से ये साफ हो सकता है कि अल-कायदा कैसे इस हमले के जरिए भारत में अस्थिरता फैलाना चाहता था.
  •  हेडली की असलियत और उसकी साजिश- डेविड कोलमैन हेडली, जिसे अमेरिका ने सरकारी गवाह बनाया, वही राणा का सबसे करीबी दोस्त था. राणा के पास हेडली की हर चाल, हर मूवमेंट और उसके झूठ को बेनकाब करने की जानकारी हो सकती है.

तहव्वुर राणा, वो गवाह जो बन सकता है सबसे बड़ा सच

राणा मुंबई हमले की हर सीढ़ी का गवाह रहा है. भारत में उसका प्रत्यार्पण होना इस केस में सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. उसकी गवाही से न सिर्फ बाकी बचे आतंकियों की पहचान और भूमिका साफ हो सकती है, बल्कि पाकिस्तान के झूठे दावों की भी पोल खुल सकती है.

अब क्या कर रही है भारत सरकार?
एनआईए ने राणा के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर रखी है. अमेरिका से उसके प्रत्यार्पण के बाद, उसे सीधे जांच एजेंसियों के सामने पेश किया गया है. जांच अधिकारी अब उससे पूछताछ में जुटे हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही कई बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं.

 



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