एक समय था जब तहव्वुर हुसैन राणा सफेद कोट पहनकर लोगों की जिंदगी बचाने का सपना देखा करता था. लेकिन आज वही नाम 26/11 जैसे भयानक आतंकी हमले की साजिश से जुड़ा हुआ है. मेडिकल की डिग्री लेकर सेना में डॉक्टर बना यह शख्स अब आतंकवाद के आरोप में भारत की गिरफ्त में आने वाला है. अमेरिका से भारत को सौंपा गया तहव्वुर राणा कुछ देर बाद भारतीय सरजमीं पर होगा. आइए जानते हैं मेडिकल बैकग्राउंड से आतंक की दुनिया में कदम रखने वाले तहव्वुर राणा ने मेडिकल में कौन सी और कहां से पढ़ाई की थी.
अमेरिका से उड़ान भरने वाले एक विशेष विमान से तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है. यह भारत की उस लंबी कानूनी लड़ाई की जीत है जो सालों से चल रही थी. भारत ने सबसे पहले दिसंबर 2019 में अमेरिका को राणा के प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा था और फिर जून 2020 में औपचारिक रूप से इसका कानूनी आधार तैयार किया गया. लेकिन आखिरकार फरवरी 2025 में अमेरिकी अदालत ने राणा के प्रत्यर्पण को हरी झंडी दी और अब उसका भारत आना तय है.
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कहां से लिया मेडिकल का ज्ञान?
64 वर्षीय तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के साहीवाल जिले में हुआ था. उसने पाकिस्तान के टॉप कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल से पढ़ाई की, जहां उसकी मुलाकात डेविड हेडली से हुई. जो आगे चलकर 26/11 हमलों की जांच में एक और बड़ा नाम बना. राणा ने इसके बाद मेडिसिन की पढ़ाई की और पाकिस्तान आर्मी मेडिकल कॉर्प्स में कैप्टन रैंक के साथ सेवा दी. सेना में डॉक्टर रहते हुए उसने मेडिकल फील्ड में अच्छी पकड़ बना ली थी.
लेकिन यह सफर यहीं खत्म नहीं हुआ. 1998 में वह सेना छोड़कर कनाडा चला गया, जहां उसे नागरिकता मिली. वहां उसने आव्रजन सेवाएं देने वाला बिजनेस शुरू किया और फिर अमेरिका जाकर शिकागो में अपना ऑफिस खोल लिया. वहीं से उसने डेविड हेडली के साथ मिलकर भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचीं.
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