तालिबान के साथ भारत के रिश्तों पर ISIS खोरसान ने मचाया बवाल, जानें क्यों कहा ‘ईशनिंदा’?

तालिबान के साथ भारत के रिश्तों पर ISIS खोरसान ने मचाया बवाल, जानें क्यों कहा ‘ईशनिंदा’?


India-Taliban Relations: ISIS खोरसान प्रांत (ISKP) ने अपनी प्रॉपेगैंडा मैगजीन “वॉयस ऑफ खोरासन” में तालिबान और भारत के बीच बढ़ते संबंधों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. इस मैगजीन में तालिबान के रक्षा मंत्री और भारतीय राजनयिक जेपी सिंह की एक तस्वीर प्रकाशित की गई है. इस तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए ISKP ने गैर-मुस्लिमों के साथ तालिबान के सहयोग को “ईशनिंदा” बताया.

तालिबान और ISKP अफगानिस्तान में एक-दूसरे के कट्टर विरोधी बने हुए हैं. दोनों गुट लगातार एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं और एक-दूसरे को इस्लाम विरोधी बताते हैं. तालिबान का आरोप है कि ISKP के लड़ाके पाकिस्तान में छिपे हुए हैं और वहीं से हमलों को अंजाम दे रहे हैं. दूसरी ओर, पाकिस्तान का दावा है कि तालिबान प्रशासन ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को अफगानिस्तान में खुली छूट दे रखी है.

भारत-तालिबान संबंधों पर ISKP की आलोचना
रेजोनेंट न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ISKP की मैगजीन ने तालिबान के अलावा भारत और ईरान की भी आलोचना की है. मैगजीन में भारतीय राजनयिक जेपी सिंह की तस्वीर प्रकाशित कर यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि तालिबान गैर-मुस्लिमों के साथ सहयोग कर रहा है. जेपी सिंह, जो भारत के वरिष्ठ राजनयिक और अफगानिस्तान और ईरान मामलों के प्रभारी हैं. उन्होंने तालिबान के साथ भारत के संवाद में अहम भूमिका निभाई है.

पाकिस्तान में शियाओं के खिलाफ उकसावे का प्रयास
ISKP ने खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर भी लेख प्रकाशित किया है. इस लेख में उसने अपने समर्थकों से शियाओं के खिलाफ हिंसक संघर्ष छेड़ने का आह्वान किया. इस दौरान कुर्रम जिले के पाराचिनार में पिछले वर्षों में हुए हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित 40 से अधिक लोग मारे गए थे. इसके पीछे ISKP ही है, जो इन घटनाओं को सांप्रदायिक आधार पर और भड़काने का प्रयास कर रहा है.

ट्रंप और अन्य नेताओं पर टिप्पणी
ISKP ने अपनी मैगजीन में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की तस्वीरें भी प्रकाशित की हैं. इन तीनों नेताओं को “शासन के लिए अयोग्य” बताया गया है. इसके साथ ही, ISKP ने सीरिया में अपने बचे हुए समर्थकों से बशर अल असद सरकार के खिलाफ अभियान तेज करने की अपील की है.

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