Padma Awards 2025: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर को देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण मिला है. भारत के 44वें मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस खेहर का परिचय इस पद पर पहुंचे पहले सिख के तौर पर दिया जाता रहा है. लेकिन उनकी पहचान इससे बहुत बड़ी है. उन्होंने एक साथ 3 तलाक को असंवैधानिक करार देने, NJAC को रद्द करने जैसे कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले दिए.
न्यायिक गलियारों में जस्टिस खेहर की पहचान हमेशा सख्त फैसले लेने वाले एक नर्म मिज़ाज़ जज के तौर पर रही. उन्हें अपनी विद्वता और ईमानदारी के लिए भी बहुत सम्मान की नज़र से देखा जाता रहा है. सितंबर 2011 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने जस्टिस खेहर 4 जनवरी 2017 से 27 अगस्त 2017 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस खेहर के कुछ बड़े फैसले :-
22 अगस्त 2017 को उनकी अध्यक्षता वाली बेंच ने एक साथ 3 तलाक को असंवैधानिक करार दिया.
16 अगस्त 2017 को उन्होंने केरल लव जिहाद केस की जांच NIA को सौंपी.
24 अगस्त 2017 को उनकी अध्यक्षता वाली 9 जजों की बेंच ने निजता को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया.
लगातार उल्टे-सीधे आदेश पारित कर न्यायपालिका की गरिमा को नुकसान पहुंचा रहे कोलकाता हाई कोर्ट के जज सी एस कर्नन को 9 मई 2017 को उन्होंने 6 महीने की जेल की सज़ा दी.
संसद से पारित राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग यानी NJAC कानून को न्यायपालिका की स्वायत्तता में दखल बता कर 16 मई 2015 को खारिज किया.
2014 में सेबी-सहारा विवाद पर सुनवाई करते हुए सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा को जेल भेजा.
सिख की परिभाषा को लेकर जब उठा था विवाद
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में जज रहते उन्होंने सिख की परिभाषा को लेकर उठे विवाद पर ऐतिहासिक फैसला दिया था. उनका फैसला था कि केश कटवाने का मतलब सिख धर्म के बुनियादी सिद्धांत को तोड़ना है. ऐसा करने वाले किसी सिख संस्थान में बतौर सिख लाभ लेने का दावा नहीं कर सकते. फैसले में उन्होंने लिखा – “धर्म को उसी तरह माना जाना चाहिए जैसा धर्म है. उसे उस तरह नहीं माना जा सकता जैसा हम चाहते हैं.”
28 अगस्त 1952 को केन्या के नैरोबी में जन्मे खेहर ने चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी और एलएलएम की. एलएलएम में यूनिवर्सिटी में टॉप करने के चलते उन्हें गोल्ड मेडल दिया गया था. बतौर वकील शानदार करियर के बाद वो 1999 में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के जज बने. जजों के बीच बेहद सम्मानित जस्टिस खेहर को 2010 में मद्रास हाई कोर्ट के जज पी.डी दिनाकरन के खिलाफ जांच के लिए बनाई गई.
ये भी पढ़ें:- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गैलेंट्री अवार्ड को दी मंजूरी, देश की सेवा के लिए 93 जवानों को मिलेगा पुरस्कार