तेलंगाना टनल हादसा: 4 दिन बाद भी आफत में फंसी 8 मजदूरों की जान, कीचड़-पानी ने बढ़ाई टेंशन

तेलंगाना टनल हादसा: 4 दिन बाद भी आफत में फंसी 8 मजदूरों की जान, कीचड़-पानी ने बढ़ाई टेंशन


Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के नागरकुरनूल में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल परियोजना के ढहने के बाद मंगलवार (25 फरवरी, 2025) को चौथे दिन भी बचाव अभियान जारी रहा. हादसे में दो इंजीनियर, दो ऑपरेटरों और चार मजदूरों सहित अंदर फंसे आठ लोगों को बचाने का प्रयास किया गया. 

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एसएलबीसी सुरंग में गाद और पानी के निरंतर प्रवाह से खतरा बना हुआ है, जिसके चलते बचाव अभियान में भारतीय सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, जीएसआई और अन्य एजेंसियां लगातार प्रयास कर रही टीम पर भी खतरा मंडरा रहा है. वहीं राज्य सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए एसएलबीसी सुरंग बचाव अभियान को भारत में सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण अभियानों में से एक बताया क्योंकि सुरंग में केवल एक ही रास्ता है, जिससे अंदर जाया और बाहर निकला जा सकता है.

चिंता की बात ये है कि सुरंग में तेज गति से गाद और पानी का प्रवाह जारी है. यही कारण है कि बचाव के लिए जाने वालों को भी खतरा है. 

बचाव अभियान के बड़े पॉइंट्स

1- कई एजेंसियों के लगातार प्रयासों के बाद भी सुरंग में बताव कार्य में कोई खास प्रगति नहीं हुई है क्योंकि मोटी मिट्टी, उलझी हुई लोहे की छड़ें और सीमेंट के ब्लॉक शनिवार की सुबह से ही फंसे हुए व्यक्तियों तक पहुंचने के प्रयासों में बाधा बन रहे हैं.

2- सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी के मुताबिक, भारतीय सेना, नौसेना के MARCOS, NDRF, SDRF, GSI, रैट माइनर्स और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड सहित 11 एजेंसियां फंसे हुए 8 लोगों के बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. रेड्डी ने सीमा सुरक्षा बल के जनरल हरपाल सिंह से भी बात की और घटना की जानकारी दी. इसी के साथ उनकी राय और उनकी तकनीकी विशेषज्ञता मांगी, जिसके बाद उन्होंने तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने में समर्थन का आश्वासन दिया.

3- पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नागरकुरनूल के जिला कलेक्टर बी संतोष का कहना है कि आगे कोई कदम उठाने के लिए पहले सुरंग में स्थिरता लानी होगी. इसके लिए पानी निकालने का काम जारी है. उन्होंने ये भी कहा कि फंसे हुए किसी भी व्यक्ति से संपर्क नहीं बन पाया है. टीम आगे बढ़ रही है, लेकिन आखिरी के 40-50 मीटर के लिए आगे नहीं पढ़ पा रहे है.  

4- कलेक्टर बी संतोष ने कहा कि बचाव दल सुरंग में बोरिंग मशीन तक पहुंच गए हैं, लेकिन उसके आगे कीचड़ से रास्ता रुका हुआ है, जिससे आगे बढ़ता बेहद मुश्किल हो रहा है. फिलहाल टीम उस 40 मीटर के रास्ते को पार करने की रणनीति बना रही है और अंगर मौजूद लोगों से संवाद करने में लगी है.

5- नगरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड का कहना है कि बचाव दल सुरक्षा में लगे हैं और भूवैज्ञानिक विशेषज्ञों ने मिट्टी के नमूने एकत्र किए. जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. 

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