Chinese Ambassador to India on Dalai Lama: भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने रविवार (6 जुलाई, 2025) को दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चुनाव और पुनर्जन्म को लेकर की जा रही टिप्पणियों को लेकर एक बयान जारी किया है. चीनी राजदूत फेइहोंग ने कहा कि हम दलाई लामा के पुनर्जन्म को लेकर की गई टिप्पणियों पर ध्यान दे रहे हैं. इस मामले में किसी का भी हस्तक्षेप हमें मान्य नहीं है.
चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रविवार (6 जुलाई) को एक पोस्ट शेयर किया. पोस्ट में फेइहोंगे ने कहा, “इस बात पर ध्यान दिया गया है कि हाल ही में भारत के कुछ अधिकारियों की ओर से दलाई लामा के पुनर्जन्म को लेकर टिप्पणियां की गई है. चीन की सरकार इस मामले में किसी भी विदेशी संगठन या शख्स की ओर से पुनर्जन्म की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने और किसी भी तरह के दिशा-निर्देश देने की कोशिशों का पूरी तरह से विरोध करती है.”
शिजांग चीन का एक अभिन्न हिस्सा- फेइहोंग
फेइहोंग ने कहा, “शिजांग (तिब्बत) चीनी क्षेत्र का एक अभिन्न हिस्सा है. तिब्बती बौद्ध धर्म की उत्पत्ति चीन के छिंगहाई-तिब्बत पठार से मानी जाती है. तिब्बती बौद्ध धर्म की शुरुआत मुख्य रूप से चीन के भीतर ही हुई है और दलाई लामा की परंपरा की शुरुआत और उनका विकास चीन के तिब्बती क्षेत्र में ही हुआ है.”
यह चीन का आंतरिक मामला- फेइहोंग
उन्होंने कहा, “दलाई लामा के साथ उनके सभी जीवित बुद्धों को धार्मिक मान्यता और उपाधियां देने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ चीन की केंद्रीय सरकार के पास है. इसके अलावा, दलाई लामा का पुनर्जन्म और उनका उत्तराधिकार का चुनाव पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है.”
उन्होंने कहा, “चीन सरकार धार्मिक मामलों में स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता के सिद्धांत पर जोर देती है. इसके अलावा, सरकार दलाई लामा सहित सभी जीवित बुद्धों के पुनर्जन्म की प्रक्रिया को कानून के तहत संचालित करती है और इस मामले में चीन किसी भी बाहरी ताकत को इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देगी.”
यह भी पढे़ंः मणिपुर में म्यांमार से आ रहे हथियार, पूरे भारत में हो रही सप्लाई! सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट