दिल्ली‑NCR में हाई राइज की नई परिभाषा बन रहा गगनचुंबी इमारतों की ओर बढ़ता रुझान

दिल्ली‑NCR में हाई राइज की नई परिभाषा बन रहा गगनचुंबी इमारतों की ओर बढ़ता रुझान



<p style="text-align: justify;"><strong>Real Estate News:</strong> राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली‑एनसीआर के शहरी विकास में अब ऊंचाई&nbsp; उसकी एक नई पहचान बनती जा रही है. पिछले कुछ वर्षों तक जहां 20 से 30वीं मंजिल की इमारतों को ही &lsquo;हाईराइज़&rsquo; माना जाता था, अब 50 से 60वीं मंजिल तक की आवासीय टावर आम बात होती जा रही है. खासकर, गुरुग्राम जैसे इलाकों में ये ट्रेंड तेजी से उभर रहा है, जहां डेवलपर्स अब अंतरराष्ट्रीय स्तर की ऊंचाई और डिजाइन को फोकस कर परियोजनाएं डेवलप कर रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">हाल के महीनों में कई नई परियोजनाओं को मंज़ूरी मिली है जो 200 मीटर से अधिक ऊंची हैं. ये बदलाव केवल स्थापत्य की दृष्टि से नहीं, बल्कि शहरी जीवनशैली की आकांक्षाओं और बाजार की मांग को भी दर्शाते हैं. उच्च आय वर्ग के उपभोक्ताओं के बीच अब ऐसी परियोजनाओं की मांग तेज़ी से बढ़ी है जो केवल सुविधाजनक नहीं बल्कि &lsquo;आइकॉनिक&rsquo; भी हों.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बदल रही दिल्ली-एनसीआर की परिभाषा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एक्सपर्ट्स की मानें तो यह बदलाव केवल आकांक्षा तक सीमित नहीं है. 2024 की पहली छमाही में दिल्ली‑NCR में कुल 32,200 यूनिट्स लॉन्च हुईं, जिनमें से लगभग 45% लक्ज़री श्रेणी में थीं. गुरुग्राम इस ट्रेंड का नेतृत्व कर रहा है, जहां अकेले 10,000 से अधिक यूनिट्स की बिक्री इसी अवधि में दर्ज की गई. साथ ही, पिछले एक वर्ष में क्षेत्र में आवासीय संपत्ति की कीमतों में लगभग 30% तक की वृद्धि भी देखी गई है.</p>
<p style="text-align: justify;">रियल एस्टेट उद्योग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि ऊंची इमारतें केवल ज़मीन की लागत का समाधान नहीं हैं, बल्कि ये आधुनिक जीवनशैली, टेक्नोलॉजी और पर्यावरण‑अनुकूलता का भी प्रतीक बन चुकी हैं. गंगा रियल्टी के संयुक्त प्रबंध निदेशक विकास गर्ग का मानना है, &ldquo;आज के उपभोक्ता केवल घर नहीं, एक अनुभव चाहते हैं&mdash;जहाँ टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबिलिटी और डिजाइन एक साथ चलते हों.</p>
<p style="text-align: justify;">ऊंची इमारतों में इन तत्वों को सम्मिलित करना आसान होता है, और यही आधुनिक विकास की दिशा है.&rdquo; उन्होंने आगे कहा, &ldquo;गुरुग्राम जैसी जगहों पर जहां ज़मीन सीमित है और मांग निरंतर बढ़ रही है, वहां वर्टिकल डेवलपमेंट ही एक व्यावहारिक और स्मार्ट विकल्प है. हमने इसे केवल एक रुझान नहीं, बल्कि जिम्मेदारी के रूप में अपनाया है.&rdquo;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>हाईराइज बिल्डिंग्स नई पहचान&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रियल एस्टेट में लंबे समय से सक्रिय रहे त्रेहान ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सरांश त्रेहान का कहना है &ldquo;हम देख रहे हैं कि NCR का होमबायर अब वैश्विक जीवनशैली की ओर देख रहा है. ऊंची इमारतों में रहना सिर्फ स्टेटस नहीं, बल्कि लोकेशन, व्यू, सुविधाएं और सिक्योरिटी का सम्मिलित रूप है. बाजार में इस बदलाव को अब डेवलपर्स भी गंभीरता से ले रहे हैं.&rdquo;</p>
<p style="text-align: justify;">हालांकि, इन गगनचुंबी योजनाओं के साथ नियोजन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी गंभीर चर्चा की ज़रूरत है. ट्रैफिक, सार्वजनिक परिवहन, और ओपन स्पेस की व्यवस्था ऐसी परियोजनाओं के साथ संतुलन में रहनी चाहिए, अन्यथा यह विकास असंतुलित हो सकता है. लेकिन फिलहाल, गुरुग्राम और नोएडा जैसे क्षेत्र, जहां पहले केवल अफोर्डेबल या मिड सेगमेंट की परियोजनाएं दिखती थीं, अब ऊंचाई और भव्यता के प्रतीक बनते जा रहे हैं. दिल्ली‑NCR के रियल एस्टेट परिदृश्य में यह परिवर्तन केवल निर्माण की ऊंचाई नहीं, बल्कि उपभोक्ता की सोच, डेवलपर्स की रणनीति और शहरों के विकास के नए स्वरूप की कहानी भी कहता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><a title="ये भी पढ़ें: मार्केट रेगुलेटर सेबी के Jane Street पर एक्शन का असर, 13 प्रतिशत से ज्यादा टूटे बीएसई के शेयर" href="https://www.abplive.com/business/bse-share-price-falls-thirteen-percent-after-sebi-actions-on-jane-street-impact-2975813" target="_self">ये भी पढ़ें: मार्केट रेगुलेटर सेबी के Jane Street पर एक्शन का असर, 13 प्रतिशत से ज्यादा टूटे बीएसई के शेयर</a></p>



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *