दिल्ली में MBBS और PG मेडिकल कोर्स का सपना देखने वाले छात्रों के लिए यह खबर निराशाजनक है. जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय ने साल 2025-26 के शैक्षणिक सत्र के लिए सभी 150 एमबीबीएस और 49 पीजी मेडिकल सीटों को वापस ले लिया है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब 21 जुलाई से नीट काउंसलिंग शुरू होने जा रही है. यह कदम मेडिकल संस्थान ‘हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (HIMSR)’ से जुड़ी आर्थिक गड़बड़ियों और प्रशासनिक विवादों के चलते उठाया गया है.
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) द्वारा जारी अस्थायी सीट मैट्रिक्स में HIMSR के लिए शून्य सीटें दर्शाई गई हैं. HIMSR, जामिया हमदर्द के तहत आने वाला मेडिकल कॉलेज है, जिसकी स्थापना 2012 में की गई थी. 6 जून को NMC को भेजे गए एक पत्र में जामिया हमदर्द के रजिस्ट्रार ने बताया कि कुछ निजी पक्षों के हस्तक्षेप के कारण विश्वविद्यालय अब HIMSR के ऑनलाइन पोर्टल और प्रवेश प्रक्रिया पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा है. इसीलिए विवि को MBBS और PG सीटों की मान्यता से खुद को अलग करना पड़ा.
कुलपति बोले- नियमों का पालन नहीं कर रहा कॉलेज
जामिया हमदर्द के कुलपति प्रो. मोहम्मद अफशर आलम ने कहा कि उन्होंने HIMSR को कई बार यूजीसी (UGC) के दिशा-निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए थे, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने लगातार इन नियमों को नजरअंदाज किया. उन्होंने यह भी जोड़ा कि विश्वविद्यालय यूजीसी की गाइडलाइंस को पूरी तरह मानता है, और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अब न्यायालय से सकारात्मक नतीजों की उम्मीद की जा रही है. फिलहाल नए छात्रों का दाखिला नहीं हो सकेगा.
आर्थिक अनियमितताओं का मामला
विवाद की जड़ में HIMSR और उससे जुड़े HAH सेंटेनरी अस्पताल से जुड़े आर्थिक गड़बड़ियां हैं. CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2011 से 2023 तक 813 करोड़ रुपये की राशि को हमदर्द एजुकेशन सोसाइटी को ट्रांसफर किया गया, जो यूजीसी के नियमों का उल्लंघन है. CAG ने इसे संसाधनों का दुरुपयोग माना है, जो छात्रों और स्टाफ के हितों के खिलाफ है.
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अब न्यायालय का सहारा
जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय ने इन घटनाओं के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि उनकी आधिकारिक वेबसाइट और प्रवेश दस्तावेजों का तीसरे पक्ष द्वारा गलत इस्तेमाल किया गया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की मौजूदगी में सुनवाई कर यह फैसला सुनाया कि फिलहाल HIMSR की कोई भी सीट काउंसलिंग के लिए शामिल नहीं की जाएगी.
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