Shankaracharya Avimukteshwaranand: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती आज दिल्ली में गौरक्षा के मुद्दों पर राजनीतिक दलों से मिलना चाहते थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें आउटर दिल्ली के नरेला में ही रोक दिया. जैसे ही उनके रथ को रोका गया तो उनके समर्थक नाराज हो गए. वो पुलिस के खिलाफ सड़क पर ही अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं. इस तरह रोके जाने पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भी भड़क गए. उन्होंने कहा कि आप इस देश में गाय की बात ही नहीं कर सकते.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, ‘अब तो कोई गोमाता के बारे में सवाल भी नहीं उठा सकता है. यही सुनिश्चित करना हमारा उद्देश्य है. जनता के सामने ये सरकार गाय की हत्या रोकना तो दूर, अगर कोई बात भी करेगा तो उसका रास्ता रोक देगी. उसको जाने भी नहीं देगी. पिछले 45 मिनट से हम यहां खड़े हुए हैं. हमारे सामने लाकर ट्रक खड़े कर दिए गए हैं और रास्ता रोक दिया गया है. बार-बार अनुरोध किया जा रहा है, लेकिन रास्ता खोलने के लिए सरकार तैयार नहीं है. हम 15 मिनट और इंतजार करेंगे, अगर रास्ता नहीं खोला गया तो हम पैदल ही आगे बढ़ेंगे.’
VIDEO | Delhi: Swami Avimukteshwarananda Saraswati claims he was stopped by the police from holding a protest. Swami Avimukteshwarananda Saraswati has been demanding political parties to clear their stance on cow slaughter.
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— Press Trust of India (@PTI_News) March 17, 2025
जंतर-मंतर पर धरना करने की मांगी थी इजाजत
बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दिल्ली के रामलीला मैदान में सोमवार (17 मार्च) को धरना देने की इजाजत मांगी थी, लेकिन कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें इसके लिए मना कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने अपनी योजना को बदल दिया. शंकराचार्य ने दिल्ली में सभी नेताओं से मुलाकात करने और गौरक्षा के मुद्दे पर स्टैंड क्लीयर करने का मन बनाया था, लेकिन अब उन्हें दिल्ली में घुसने से ही रोक दिया गया.
गोहत्या के मुद्दे पर सपा ने किया समर्थन: शंकराचार्य
शंकराचार्य ने पहले कहा था कि नेता गायों की रक्षा करने का दावा करते हैं, लेकिन डेटा बताता है कि रोजाना 80 हजार गायों की हत्या की जाती है. ये पाखंड खत्म होना चाहिए. एक सच्चा हिंदू गोहत्या बर्दाश्त नहीं कर सकता. हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और गाय काटना महापाप बताया गया है. मैं घर-घर जाकर सभी नेताओं से अपना रुख बताने के लिए कहूंगा. अभी तक केवल समाजवादी पार्टी के एक नेता ने समर्थन का आश्वासन दिया है, जबकि अन्य इस मुद्दे पर चुप हैं.
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