देश के किस मुख्यमंत्री को मिलता है सबसे ज्यादा वेतन? जान लें सैलरी का पूरा ब्रेकअप

देश के किस मुख्यमंत्री को मिलता है सबसे ज्यादा वेतन? जान लें सैलरी का पूरा ब्रेकअप


हमारे देश के हर प्रदेश का एक सबसे जरूरी व्यक्ति होता है जिसे हम मुख्यमंत्री (सीएम) कहते हैं. सीएम के पास प्रदेश चलाने का जिम्मा होता है. मुख्यमंत्री का काम सिर्फ प्रशासन चलाना ही नहीं, बल्कि अपने राज्य की तरक्की के लिए बड़े फैसले लेना और टीम को सही दिशा में आगे बढ़ाना भी होता है. इतनी जिम्मेदारियों के लिए उन्हें तय सैलरी और भत्ते दिए जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सीएम की सैलरी हर राज्य में अलग होती है?

संविधान के मुताबिक मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों की सैलरी और भत्ते उस राज्य की विधानसभा की तरफ से बनाए गए कानून के तहत तय किए जाते हैं. यानी केंद्र सरकार या संसद इसमें दखल नहीं देती. इस वजह से अलग-अलग राज्यों में सीएम की सैलरी अलग-अलग होती है. इसके अलावा सीएम की सैलरी में सिर्फ बेसिक वेतन ही नहीं, बल्कि कई तरह के भत्ते भी शामिल होते हैं.

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तेलंगाना के सीएम सबसे आगे

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश भर में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) की सैलरी सबसे ज्यादा है. उनकी सैलरी देश के राष्ट्रपति के वेतन के बराबर है. इसका कारण है 2016 में तेलंगाना विधानसभा द्वारा पारित एक कानून, जिसमें मुख्यमंत्री और विधायकों के वेतन और भत्तों में बड़ी बढ़ोतरी की गई थी. इसके बाद तेलंगाना सीएम की सैलरी देश में नंबर वन हो गई. तेलंगाना के सीएम की सैलरी 4,10,000 रुपये है.

किन राज्यों के सीएम कितनी सैलरी पाते हैं?

दिल्ली के सीएम को 3,90,000 रुपये मिलते हैं. जबकि उत्तर प्रदेश में सीएम पद पर 3,65,000 रुपये, महाराष्ट्र में 3,40,000 रुपये, आंध्र प्रदेश में 3,35,000 रुपये, गुजरात के मुख्यमंत्री को 3,21,000 रुपये, हिमाचल प्रदेश के सीएम को 3,10,000, हरियाणा के चीफ मिनिस्टर को 2,88,000 रुपये, झारखंड के सीएम को 2,72,000 और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को 2,55,000 रुपये वेतन मिलता है.  

ये मिलती हैं सुविधाएं

  • महंगाई भत्ता
  • यात्रा भत्ता
  • आवास सुविधा
  • वाहन सुविधा
  • अन्य विशेष भत्ते

क्यों है इतना अंतर?

सैलरी में यह अंतर इसलिए है क्योंकि हर राज्य की आर्थिक स्थिति, बजट और विधानसभा के फैसले अलग होते हैं. कुछ राज्य अपने नेताओं को ज्यादा वेतन और भत्ते देते हैं, जबकि कुछ राज्यों में यह राशि कम होती है.

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