नेपाल में 1997 से 2012 के बीच जन्मी जनरेशन ज़ेड के युवाओं ने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ नई लड़ाई छेड़ दी है. यह प्रदर्शन नेपाल की युवा पीढ़ी की राजनीतिक चेतना और निराशा दोनों की पहचान बन चुका है. हिमालयन टाइम्स के मुताबिक काठमांडू के न्यू बानेश्वर में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया. झड़प के दौरान एक जनरेशन जेड प्रदर्शनकारी गोली लगने से घायल हो गया, हालांकि, सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके अलावा 80 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं.
नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोमवार (8 सितंबर 2025) को जनरेशन ज़ेड (1997-2012 में जन्मे युवा) प्रदर्शनकारियों ने न्यू बानेश्वर स्थित संघीय संसद परिसर पर धावा बोल दिया. प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर और गेटों पर चढ़कर अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें छोड़ीं. इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण रहने का संकल्प लिया था, लेकिन संसद भवन की ओर मार्च के दौरान माहौल हिंसक हो गया.
#WATCH | Nepal | Protest turned violent in Kathmandu as people staged a massive protest against the ban on Facebook, Instagram, WhatsApp and other social media sites, leading to clashes between police and protesters. pic.twitter.com/YWNj3R0wUG
— ANI (@ANI) September 8, 2025
कर्फ्यू की घोषणा
स्थिति बिगड़ने के बाद काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने तुरंत कर्फ्यू लागू कर दिया. कर्फ्यू दोपहर 12:30 बजे से रात 10:00 बजे तक लागू रहा. यह फैसला स्थानीय प्रशासन अधिनियम, 2028 की धारा 6 (ए) के तहत मुख्य जिला अधिकारी छबी रिजाल द्वारा लिया गया. काठमांडू जिला प्रशासन ने शहर के पश्चिम इलाके में स्थित न्यू बानेश्वर चौक से बिजुलीबजार पुल (एवरेस्ट होटल के पास) तक कर्फ्यू लगाया है. ये कर्फ्यू पूर्वी इलाके में मिन भवन, शांति नगर से टिंकुने चौक तक, नॉर्थ साइड में आईप्लेक्स माल से रत्न राज्य माध्यमिक विद्यालय तक और साउथ में शंखमुल पुल तक लगाया गया है.
#WATCH | Nepal: Thousands of people protest in Kathmandu against the ban on Facebook, Instagram, WhatsApp and other social media sites, leading to clashes between police and protesters. pic.twitter.com/klrP1HRJQd
— ANI (@ANI) September 8, 2025
प्रदर्शन की वजह
जनरेशन ज़ेड के ये प्रदर्शनकारी दो प्रमुख मुद्दों पर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं. इसमे कई सारे कारण है, जिसमें दो बेहद जरूरी माने जा रहे हैं. इसमें पहला भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से जुड़ा मामला है और दूसरा सरकार की तरफ से सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है. इन मुद्दों ने देशभर में युवाओं में गुस्सा और असंतोष को जन्म दिया है.
नेपाल के अन्य शहरों में भी आंदोलन
नेपाल के राजधानी काठमांडू ही नहीं, बल्कि देश के अन्य बड़े शहरों में भी प्रदर्शन हुए, जो इस प्रकार है:
- पोखरा
- बुटवल
- विराटनगर
इन जगहों पर भी युवाओं ने तख्तियां उठाकर सरकार के फैसले का विरोध किया और पारदर्शिता की मांग की.
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव
बनेश्वर में सुरक्षाबलों के आंसू गैस छोड़े जाने से पहले कई युवाओं को पुलिस गार्ड हाउस पर चढ़ते हुए देखा गया. वहीं संसद भवन की ओर प्रवेश करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस लगातार प्रयासरत रही. प्रशासन ने स्थिति को बेहद तनावपूर्ण करार दिया है.
मैतीघर से बनेश्वर तक मार्च
प्रदर्शनकारियों ने राजधानी काठमांडू के मैतीघर मंडला में सुबह 9 बजे एकत्र होकर तख्तियों और नारों के साथ रैली शुरू की. यह रैली बनेश्वर तक चली, जो नेपाल का एक प्रमुख राजनीतिक केंद्र है. आयोजनकर्ताओं ने साफ कहा कि यह केवल एक दिन का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि आने वाले दिनों में भी वे अपनी आवाज़ बुलंद करेंगें.
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