दुनिया का सबसे खतरनाक और एडवांस फाइटर जेट कौन-सा है? फ्रांस का राफेल, अमेरिका का F-35 या फिर रूस का सुखोई-57? ये तीनों ही बहुत ही एडवांस्ड और मल्टीरोल फाइटर जेट्स हैं, लेकिन इनसे भी खतरनाक फाइटर जेट है- F-22 रैप्टर. इसे अमेरिका की डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने साल 1990 में डेवलेप किया था. यह कितना खतरनाक था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस फाइटर जेट को अमेरिका ने अपने सबसे करीबी देशों को भी नहीं बेचा था. F-22 रैप्टर सिर्फ और सिर्फ अमेरिका की एयरफोर्स के पास ही है.
अमेरिका का 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट F-22 रैप्टर सिर्फ युद्ध जीतने के लिए नहीं बल्कि दुश्मन की रडार में आने से पहले उस पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया था. यही वजह है कि इसे एयर सुपीरियरिटी फाइटर जेट भी कहा जाता है.
F-22 रैप्टर की खासियत?
F-22 का AN/APG-77 AESA रडार एक साथ कई दुश्मन विमानों को ट्रैक कर सकता है और लंबी दूरी से हमला करने में सक्षम है. यह AIM-120 AMRAAM और AIM-9 साइडवाइंडर जैसी खतरनाक मिसाइलों से लैस है. यही नहीं, इसमें एयर-टू-ग्राउंड अटैक की भी क्षमता है, जिससे यह मल्टी-रोल मिशनों को अंजाम दे सकता है. इसकी अधिकतम गति मैक 2.25 (लगभग 2,414 किमी/घंटा) है, जो इसे दुनिया के सबसे तेज फाइटर जेट्स में शामिल करती है.
F-22 बनाम F-35 कौन ज्यादा ताकतवर?
हालांकि F-22 और F-35 दोनों ही लॉकहीड मार्टिन ने बनाए गए हैं, लेकिन दोनों का मकसद अलग-अलग है. F-22 मुख्य रूप से हवा से हवा में लड़ाई के लिए बना यानी एयर डॉमिनेंस. वहीं F-35 लाइटनिंग II मल्टीरोल मिशनों के लिए विकसित किया गया है, यानी हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों में हमला करने में माहिर है. सैन्य विश्लेषकों की राय में हवाई श्रेष्ठता (Air Superiority) की बात हो तो F-22 रैप्टर अब भी F-35 पर भारी पड़ता है.
अमेरिका के अलावा किसी भी देश में नहीं F-22 रैप्टर
F-22 इतना एडवांस है कि अमेरिका ने इसके निर्यात पर पाबंदी लगा रखी है. अमेरिकी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों और इसकी संवेदनशील तकनीकों (स्टील्थ कोटिंग, रडार सिग्नेचर, एवियोनिक्स) की सुरक्षा के चलते एक कानून बनाया, जिसके तहत F-22 को किसी भी देश को बेचा नहीं जा सकता. भारत समेत कई देशों ने F-22 खरीदने की इच्छा जताई थी, लेकिन अमेरिका ने इसे खारिज कर दिया. यहां तक कि अमेरिका के करीबी सहयोगियों को भी यह विमान उपलब्ध नहीं है.
F-35 की स्टील्थ क्षमता
लॉकहीड मार्टिन की ओर से तैयार किए गए F-35 को आज के समय का सबसे गुप्त (Stealth) और बहुमुखी (Multirole) फाइटर जेट माना जाता है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि F-35 की स्टील्थ क्षमता और नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर में एडवांस फीचर्स इसे अनोखा बनाते हैं. यह इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर, इंटेलिजेंस और डाटा शेयरिंग में भी बेहद मजबूत है. इसकी कीमत भले ज्यादा हो, लेकिन तकनीकी रूप से यह अमेरिका की एयर पावर की रीढ़ है.
क्या है राफेल की खासियत?
फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन की ओर से तैयार किए गए राफेल, पाकिस्तान के JF-17 (1910 किमी/घंटा) और चीन के J-10 CE (2100 किमी/घंटा) से तेज है. यह मल्टीरोल क्षमताओं से लैस है और हवा से हवा तथा हवा से जमीन दोनों प्रकार के मिशनों में माहिर है. इसकी ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी इसे भारत की वायुसेना के लिए गेमचेंजर बनाती है.
रूस का खतरनाक Su-57 फाइटर जेट
Su-57, रूस का पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसमें अत्याधुनिक तकनीकें मौजूद हैं. Su-57 का N036 Byelka AESA रडार और AI असिस्टेड सिस्टम इसे 360° कवरेज देता है. यह ड्रोन के साथ लॉयल विंगमैन मोड में भी ऑपरेट कर सकता है. सबसे खास बात यह है कि इसकी कीमत लगभग 50 मिलियन डॉलर प्रति जेट है, जो F-35 की तुलना में काफी किफायती है.
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