Kerala High Court: केरल हाई कोर्ट ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले बीजेपी नेता पीसी जॉर्ज को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि वो 30 साल से विधायक हैं और इतनी जल्दी उकसावे में आ जाते हैं तो वो नेता रहने लायक ही नहीं हैं.
पीसी जॉर्ज के वकील ने तर्क दिया था कि वह 74 वर्ष के वरिष्ठ राजनेता हैं, जिन्होंने 30 वर्षों तक पूंजर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने कहा कि ये घटना एक चैनल पर बहस के दौरान हुई थी, जिसमें उनके साथ डिबेट क रहे पैनलिस्ट ने उन्हें उकसाया और आरोप लगाए, जिसके बाद याचिकाकर्ता की जुबान फिसल गई और उन्होंने ऐसा बयान दे दिया, जिस पर केस दर्ज हो गया.’ वकील ने अग्रिम जमानत मांगते हुए कहा था कि हालांकि उन्होंने तुरंत सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर टिप्पणी के लिए माफी भी मांगी थी.
नेता रहने लायक नहीं है: हाई कोर्ट
केरल हाई कोर्ट के जज ने पीसी जॉर्ज को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा, ‘अगर याचिकाकर्ता जैसे राजनेता, जिनके पास विधायक के रूप में करीब 30 सालों का अनुभव है. उन्हें इस तरह आसानी से उकसाया जा सकता है तो वह नेता बने रहने लायक नहीं हैं.’
हाई कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?
हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया, ‘आजकल धर्म, जाति आदि के आधार पर बयान देने की प्रवृत्ति बढ़ रही है. ये हमारे संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ हैं. इन प्रवृत्तियों को शुरू में ही खत्म कर देना चाहिए. अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो क्या कोई अपराधी केवल जुर्माना देकर भी अपराध से बच सकता है, यह संसद और विधि आयोग द्वारा विचार किए जाने वाला मामला है.’
कोर्ट बोला- जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया
अदालत ने ये भी कहा कि याचिकाकर्ता को पहले भी इसी तरह के एक मामले में जमानत दी गई थी और जमानत की शर्त यह थी कि वह ऐसा कोई भाषण या बयान नहीं देंगे जिससे इन अपराधों के घटित होने की आशंका हो. उच्च न्यायालय ने कहा, ‘याचिकाकर्ता ने शर्तों का उल्लंघन किया है. अगर यह न्यायालय इस तरह के मामलों में जमानत देता है तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा. लोग सोचेंगे कि जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने पर भी उन्हें अदालत से अग्रिम जमानत मिल जाएगी. समाज में ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए.’
बीजेपी नेता ने डिबेट में क्या कहा था?
बीती 5 जनवरी को एक टीवी शो के दौरान पीसी जॉर्ज ने कथित रूप से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, ‘भारत में सभी मुस्लिम आतंकी और सांप्रदायिक हैं. इस बयान को लेकर ईराट्टुपेट्टा के रहने वाले मोहम्मद शिहाब ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था. फिलहाल वह 14 दिनों की पुलिस रिमांड में हैं.