नेपाल में आपस में ही भिड़े Gen-Z के गुट, अंतरिम पीएम के इन नामों को लेकर मचा घमासान, सेना ने कर

नेपाल में आपस में ही भिड़े Gen-Z के गुट, अंतरिम पीएम के इन नामों को लेकर मचा घमासान, सेना ने कर


नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन के बाद भड़की Gen-Z ने सड़कों पर उतरकर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सत्ता की कुर्सी से उतरने पर मजबूर कर दिया. देश में जारी हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अंतरिम सरकार के गठन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है. केपी ओली ने मंगलवार (9 सितंबर 2025) को अपने पद से इस्तीफा दिया और तब से अंतरिम पीएम को लेकर कई नामों पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है.

आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर भिड़े युवा

काठमांडू में हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद अब नेपाल के युवा अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम पर बंटे हुए नजर आ रहे हैं. आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर उम्मीदवारों के नाम पर युवाओं के बीच हाथापाई हुई. 9 सितंबर को काठमांडू के मेयर और रैपर बैलेन शाह, 10 सितंबर को पूर्व चीफ जस्टिस सुशील कार्की और 11 सितंबर को कुलमान घीसिंग का नाम अंतरिम पीएम रेस में सबसे आगे रहा.

अब इस लिस्ट में धरान के वर्तमान मेयर हरका राज संपांग राय उर्फ हरका संपांग का नाम भी शामिल हो गया है. पत्रकार से राजनेता बने रबी लामिछाने भी युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं, जिन्हें विरोध प्रदर्शन के दौरान जेल से छुड़ाया गया था.

अंतरिम पीएम के नामों को लेकर मचा घमासान

नेपाली मीडिया के मुताबिक कई युवा चाहते हैं कि बालेन, सुशीला कार्की या संपांग को अंतरिम पीएम बनाया जाए, जिसे लेकर गुरुवार (11 सितंबर 2025) को युवाओं में झड़प भी हुई. हालांकि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. फिलहाल GenZ, प्रतिनिधियों, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना प्रमुख के बीच बातचीत चल रही है.

पौडेल ने कहा, मैं सभी पक्षों से अपील करता हूं कि वे इस बात पर विश्वास रखें कि आंदोलनकारी नागरिकों की मांगों को पूरा करने के लिए समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जा रहा है. संयम के साथ देश में शांति और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें। कई लोगों को उम्मीद थी कि राष्ट्रपति इस घटना के बाद सार्वजनिक रूप से सामने आएंगे और राष्ट्र को संबोधित करेंगे.

आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर इंतजार कर रहे युवा

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबकि सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम अलग-अलग लोगों के साथ कई दौर की बातचीत कर रहे हैं. बातचीत मुख्य रूप से मौजूदा गतिरोध से बाहर निकलने और साथ ही देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर केंद्रित है. नया शासन प्रमुख वह होगा जो एक निश्चित समय सीमा के भीतर नए चुनाव कराएगा.बैठक के दौरान सेना मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में युवा बेसब्री से फैसला सुनने का इंतजार करते दिखे. इसी तरह की एक बैठक बुधवार (10 सितंबर 2025) को भी हुई थी, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला.

सेना ने कर दिया ‘खेला’

आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर Gen-Z समर्थकों के बीच आपस में ही मारपीट ने नए सवाल को जन्म दे दिया है. दक्षिणपंथी नेता और मेडिकल कारोबारी दुर्गा प्रसाई को बातचीत के लिए आर्मी हेडक्वार्टर लाया गया. बताया जा रहा है कि उन्हें सेना ने बातचीत के लिए बुलाया है. इस खबर को सुनते ही युवाओं का गुस्सा और भड़क गया. इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं सेना अपने उम्मीदवार को रेस में तो नहीं ला रही.

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