नेपाल में राजशाही समर्थक आंदोलन को देख कर घबराए PM शर्मा ओली, भारत पर लगाए गंभीर आरोप

नेपाल में राजशाही समर्थक आंदोलन को देख कर घबराए PM शर्मा ओली, भारत पर लगाए गंभीर आरोप


Nepal News: नेपाल में इस समय राजशाही की वापसी को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के सैकड़ों समर्थकों ने राजधानी में पूर्व राजा के स्वागत में एक रैली का आयोजन किया था. इसी बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दावा किया है कि भारत ने देश में राजशाही समर्थक आंदोलन में भूमिका निभाई है. उनकी पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि ओली ने इस मुद्दे को संसद में उठाने की कसम खाई है. बताया जा रहा है कि ओली ने यह टिप्पणी तीन दिन पहले सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) के केंद्रीय पदाधिकारियों की बैठक में की थी.

भारत पर लगाए कई गंभीर आरोप 

बैठक में मौजूद पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ओली ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को गिरफ्तार कराने की कसम खाई है. पार्टी सदस्य के अनुसार, ओली ने यह भी कहा कि वह बुधवार को संसद में भारत की आंदोलन में उसकी भूमिका को बेनकाब करेंगे. इससे पहले रविवार को पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने गोरखा स्थित मनकामना मंदिर में पूजा-अर्चना की. नुवाकोट में उनका भव्य स्वागत किया गया.

केपी शर्मा ओली को लगा झटका 

इस बीच पूर्व राजा के खिलाफ तीन सबसे बड़े राजनीतिक दलों का संयुक्त मोर्चा बनाने के ओली के प्रयासों को उस समय झटका लगा, जब सत्तारूढ़ गठबंधन के सबसे बड़े साझेदार नेपाली कांग्रेस ने रविवार को संविधान की रक्षा करने का निर्णय तो लिया, लेकिन सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन-माओवादी केंद्र के साथ मोर्चा बनाने से इनकार कर दिया.

सूत्रों के अनुसार, नेपाली कांग्रेस प्रमुख शेर बहादुर देउबा ऐसे मोर्चे के समर्थन में थे, लेकिन पार्टी की प्रदर्शन मूल्यांकन समिति ने रविवार को इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया.

पहले भी साधा था निशाना 

रविवार (17 मार्च, 2025) को काठमांडू में महिला नेतृत्व शिखर सम्मेलन 2025 में बोलते हुए प्रधान मंत्री ओली ने राजशाही समर्थक समूहों द्वारा हाल ही में किए गए विरोध प्रदर्शनों की ओर इशारा किया और कहा, ‘हमें हमेशा आगे बढ़ने की जरूरत है. पीछे मुड़ना नहीं चाहिए. रिवर्स गियर कभी-कभी तभी लगाया जाता है जब सड़क पर तीखे मोड़ हों. राजमार्ग पर कोई बैक गियर नहीं है और लोकतंत्र हमारा राजमार्ग है.



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