नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध के खिलाफ हाल में हुए ‘Gen-Z’ प्रदर्शन में एक भारतीय नागरिक सहित कम से कम 51 लोगों की मौत हुई है. पुलिस ने शुक्रवार (12 सितंबर, 2025) को यह जानकारी दी. काठमांडू पोस्ट अखबार ने नेपाल पुलिस के सह-प्रवक्ता वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रमेश थापा के हवाले से कहा कि मृतकों में एक भारतीय नागरिक, तीन पुलिसकर्मी और अन्य नेपाली नागरिक शामिल हैं.
खबर में कहा गया कि कम से कम 36 शव महाराजगंज स्थित त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में हैं, जहां शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम शुरू हुआ. पुलिस ने बताया कि गुरुवार और शुक्रवार को देश के विभिन्न हिस्सों से 17 शव बरामद किए गए.
पहले दिन गोलीबारी में 19 की मौत
सोमवार (08 सितंबर, 2025) को प्रदर्शन के दौरान काठमांडू में संसद भवन पर धावा बोले जाने के दौरान पुलिस की गोलीबारी में कम से कम 19 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर छात्र थे. प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने मंगलवार (09 सितंबर, 2025) को इस्तीफा दे दिया.
सैकड़ों प्रदर्शनकारी सोमवार के प्रदर्शन के दौरान हुई मौतों के विरोध में उनके इस्तीफे की मांग करते हुए उनके कार्यालय में घुस गए थे. नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध सोमवार रात हटा लिया गया. ओली के इस्तीफे के बाद भी हिंसा जारी रही और प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी.
प्रदर्शन के दौरान 1,700 लोग घायल
इस बीच, शुक्रवार दोपहर बागमती नदी के तट के पास पशुपतिनाथ मंदिर के आर्यघाट पर कई शवों का अंतिम संस्कार किया गया. पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनों के दौरान लगभग 1,700 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से लगभग 1,000 लोग ठीक होकर घर लौट चुके हैं.
अधिकारियों ने बताया कि नेपाल पुलिस बल धीरे-धीरे काठमांडू घाटी में अपना अभियान दोबारा शुरू कर रहा है और जिन थानों और चौकियों में तोड़फोड़ की गई थी या आग लगा दी गई थी, वहां धीरे-धीरे दोबारा काम शुरू हो रहा है.
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