सीबीआई कोर्ट ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड सुल्तानपुर में हुए धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में आरोपी शिव प्रसाद गुप्ता को दोषी करार देते हुए पांच साल की कठोर कैद (Rigorous Imprisonment) और 55,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
कैसे हुआ था घोटाला?
सीबीआई जांच के अनुसार वर्ष 2000-01 में शिव प्रसाद गुप्ता जो उस समय नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड सुल्तानपुर में असिस्टेंट पद पर कार्यरत थे, उन्होंने एक आपराधिक साजिश रचकर एक अकाउंट पेयी चेक (Account Payee Cheque) को बेयरर चेक (Bearer Cheque) में बदल दिया और उसे कैश करवा लिया. यह चेक कंपनी के एजेंट के कमीशन के भुगतान के लिए जारी किया गया था, जिसे हेरफेर कर अपने नाम से निकाल लिया गया. इस फर्जीवाड़े के कारण राष्ट्रीय बीमा कंपनी लिमिटेड जो कि एक सरकारी उपक्रम (PSU) है, को 48,826.20 रुपये का नुकसान हुआ.
सीबीआई ने की थी जांच
केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में 22 मई 2002 को एफआईआर दर्ज की थी और जांच के बाद 13 जुलाई 2004 को चार्जशीट दाखिल की गई. मामले की सुनवाई लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत संख्या-06 में हुई.
कोर्ट ने सुनाई सजा
ट्रायल के दौरान कोर्ट ने सभी तथ्यों और सबूतों को मद्देनजर रखते हुए आरोपी शिव प्रसाद गुप्ता को दोषी करार दिया और 5 साल की कठोर कैद (RI) के साथ 55,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई की सख्ती
भारत में सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या रही है. सीबीआई भ्रष्टाचार आर्थिक अपराध और धोखाधड़ी के मामलों की जांच करने वाली देश की प्रमुख एजेंसी है. सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में घोटालों और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि सरकारी धन के गबन या किसी भी तरह की धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
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