नौकरी बदलने से पहले इन जरूरी कामों का निपटारा होना है जरूरी

नौकरी बदलने से पहले इन जरूरी कामों का निपटारा होना है जरूरी



<p style="text-align: justify;">करियर में आगे बढ़ने की होड़ और आर्थिक रूप से खुद को अधिक मजबूत बनाने की चाह में अगर आप भी नौकरी बदलने का सोच रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. नौकरी बदलते समय एम्पॉयर को अपनी पिछली कंपनी की सैलरी और टैक्स डिडक्शन के बारे में बताएं. अगर किसी ने ऐसा नहीं किया, तो रिटर्न फाइल करते वक्त पेनाल्टी देनी पड़ सकती है या कर देयता का सामना करना पड़ सकता है. इन सारी चीजों से बचने के लिए अपने निवेश की जानकारी पिछली और नई कंपनी को जरूर दें और दोनों से ही फॉर्म-16 लें.&nbsp;</p>
<h3 style="text-align: justify;">EPF डिटेल जरूर करें शेयर</h3>
<p style="text-align: justify;">इसी के साथ अपने नए एम्प्लॉयर को अपना EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) डिटेल भी दें. हमेशा EPF से पैसे निकालने से बचें ताकि रिटायरमेंट के बाद आपकी सेविंग्स कम न हो. इसके अलावा, अपने मौजूदा EPF खाते को अपनी नई नौकरी से जोड़ने के बारे में जरूर सोचें. इसके लिए अपने नए एम्प्लॉयर को अपना मौजूदा EPF खाता नंबर और यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) दें ताकि नया UAN बनाने के बजाय वे उसी UAN से जुड़ा नया PF खाता बना सकें. इससे &nbsp;EPF में .कितना पैसा जमा हुआ है इसे ट्रैक करना आसान होगा.</p>
<h3 style="text-align: justify;">कंपनी की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का भी रखें ख्याल</h3>
<p style="text-align: justify;">ये जानना भी जरूरी है कि कंपनी की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी क्या है, इसमें कितना कवरेज मिलता है और इस आधार पर अपना पर्सनल इंश्योरेंस प्लान बना सकते हैं. आमतौर पर कंपनियां 2 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का कवरेज प्रदान करती हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">सबसे जरूरी बात जब आप नई जॉब में स्विच करते हैं, तो पिछली कंपनी में मिल रहे वेतन के मुकाबले नई कंपनी में इसे अपग्रेड करने का प्रयास करें. इससे आपकी आय में जो वृद्धि होगी उसका इस्तेमाल आप निवेश या पहले लिए गए लोन के निपटारे में कर सकते हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;">एम्प्लॉयर से फॉर्म 12 B लेना न भूलें</h3>
<p style="text-align: justify;">अगर आपने साल के बीच में नौकरी बदली है, तो अपने एम्प्लॉयर से फॉर्म 12 B लें, जो इनकम टैक्स की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी उपलब्ध है. इसमें पिछली कंपनी में आपने कितने समय तक काम किया है, सैलरी से कितनी कमाई हुई है, सेक्शन 80C के तहत कितनी कटौती हुई है, TDS कितना काटा गया है जैसी डिटेल्स भरकर दें. इससे एम्प्लॉयर को आपकी नई सैलरी के हिसाब से सही TDS काटने में मदद मिलेगी. आप चाहें तो नई कंपनी के साथ आप अपनी पिछली कंपनी की सैलरी स्लिप भी साझा कर सकते हैं.</p>
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