Income Tax After Union Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख तक की सालाना आमदनी पर टैक्स नहीं लगाने का एलान किया है. इस तरह यह तय हो गया है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद सैलरीड पर्सन के लिए 12 लाख 75 हजार तक की सालाना आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. परंतु ध्यान रहे कि यह केवल न्यू टैक्स रिजीम के लिए है. इसलिए अभी सबसे ज्यादा चर्चा न्यू टैक्स रिजीम की ही हो रही है, क्योंकि उसमें साफ-साफ स्पष्ट है कि कितनी आमदनी तक पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसलिए अधिकतर टैक्सपेयर्स बजट के बाद असमंजस में हैं कि वे साल 2025-26 के लिए कौन सा टैक्स रिजीम अपनाएं.
24 लाख से अधिक आमदनी पर ओल्ड टैक्स रिजीम ही सही
सामान्य कैलकुलेशन से लगता है कि अब न्यू टैक्स रिजीम ही सही है. ओल्ड टैक्स रिजीम का कोई मतलब नहीं रह गया है, परंतु डेलॉयट ने कैलकुलेशन कर दोनों टैक्स रिजीम के बीच के अंतर को स्पष्ट किया है. इसके मुताबिक, 24 लाख से अधिक आमदनी वाले लोगों के लिए अभी भी ओल्ड टैक्स रिजीम ही सही है. अगर आप आठ लाख रुपये से अधिक की सालाना आमदनी पर डिडक्शन क्लेम करते हैं तो ओल्ड टैक्स रिजीम आपकी टैक्स लायबलिटी को न्यू टैक्स रिजीम से अधिक कम कर सकता है. जानकारों के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से न्यू टैक्स रिजीम में बड़े बदलाव करने के बाद ओल्ड टैक्स रिजीम अपमे एक्जंप्शन स्ट्रक्चर की चमक खो चुका है, फिर भी अधिक आमदनी होने पर कुछ खास परिस्थितियों में ओल्ड टैक्स रिजीम काफी फायदेमंद है.
न्यू टैक्स रिजीम ने यहां मार ली है बाजी
बजट में वित्त मंत्री की घोषणा के बाद न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स रिबेट लिमिट को सात लाख से बढ़ाकर 12 लाख कर दिया गया है. इसी तरह बेसिक एक्जंप्शन लिमिट को बढाकर तीन लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये तक कर दिया गया है. इसने कुल मिलाकर न्यू टैक्स रिजीम को ज्यादा आकर्षक बना दिया है.
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