US Deportation: पंजाब के फतेहगढ़ चूड़ियां के जसपाल सिंह 24 फरवरी 2024 को अमेरिका में नया जीवन शुरू करने का सपना लिए भारत से रवाना हुए थे. अपनी बचत, अपना विश्वास और बेहतर भविष्य की उम्मीद सब दांव पर लगाते हुए वह अमेरिका के लिए चल दिए, लेकिन अच्छी शुरुआत का मौका मिलने की बजाय उन्हें हिरासत और डिपोर्टेशन (निर्वासन) मिला. इसके साथ ही उन्होंने अपनी पूरी बचत भी खोई और सपने भी चकनाचूर कर लिए.
जसपाल उन 104 भारतीयों में से एक हैं, जिन्हें बुधवार (5 फरवरी) को अमेरिकी सैन्य विमान से भारत छोड़ा गया. यह सभी 104 लोग अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे थे. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अवैध प्रवासियों को लेकर सख्ती और नई नीति के बाद इन लोगों की भारत वापसी हुई. ट्रंप अमेरिका में रह रहे सभी अवैध प्रवासियों को इसी तरह उनके देश भेज रहे हैं.
वैध वीजा के साथ जाना चाहते थे लेकिन…
जसपाल वैध तरीके से अमेरिका में बसना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने एजेंट को 30 लाख रुपए भी दिए, लेकिन एजेंट ने धोखाधड़ी की. जसपाल बताते हैं, ‘एजेंट के साथ मेरा एग्रीमेंट हुआ था कि वह मुझे प्रॉपर वीजा के साथ वैध तरीके से अमेरिका भेजेगा, लेकिन मुझे धोखा मिला. यह सौदा 30 लाख का था और अब मेरा सारा पैसा भी डूब गया. एजेंट ने मुझे सबसे पहले पंजाब से यूरोप भेजा. मुझे यही लग रहा था कि मैं वैध तरीके से जा रहा हूं. वहां से मैं ब्राजील गया और फिर मुझे ‘डंकी’ रूट पर भेज दिया गया.’
डंकी रूट पर बिताए 6 महीने
जसपाल बताते हैं कि डंकी रूट से अमेरिका पहुंचने में उन्हें 6 महीने लगे और जैसे ही वह बॉर्डर पार कर अमेरिका में दाखिल हुए तो गश्त करने वाले जवानों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. वह इसी जनवरी में अमेरिका पहुंचे थे. अमेरिका में वह 11 दिन रहे और यह सभी दिन हिरासत में ही निकले.
हथकड़ी और बेड़ियां लगाकर लाए
वह बताते हैं, ‘जब मुझे सैन्य विमान में बैठाया गया तो मुझे लगा कि किसी ओर डिटेंशन सेंटर ले जाया जा रहा है. मुझे नहीं पता था कि ये लोग मुझे भारत वापस भेज रहे हैं. बाद में एक अधिकारी ने बताया कि हम लोग भारत वापस जा रहे हैं.’ जसपाल बताते हैं कि उन्हें हथकड़ी और बेड़ियां लगाकर अमेरिका से रवाना किया गया. अमृतसर पहुंचने से ठीक पहले उनकी हथकड़ियां खोली गई. जब वह सैन्य विमान से बाहर निकले तब उन्हें पता चला कि वह भारत वापस आ चुके हैं.
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