US Deports Migrants Stay In Panama Hotel: अमेरिका से निर्वासित 299 प्रवासियों को पनामा में अस्थायी रूप से एक होटल में रखा गया है. इनमें से ज्यादातर प्रवासी एशियाई देशों से हैं, जिनमें भारत, ईरान, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन शामिल हैं. ये प्रवासी होटल की खिड़कियों से प्लेकार्ड दिखाकर मदद की अपील कर रहे हैं, जिनमें लिखा है “हमारी मदद कीजिए” और “हम अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं”.
इन प्रवासियों को अमेरिका से सीधे निर्वासित करने में कठिनाई होने के कारण पनामा को एक ट्रांजिट पॉइंट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. अमेरिका और पनामा के बीच एक प्रवासन समझौते के तहत पनामा को इन प्रवासियों के लिए अस्थायी ठिकाना बनाया गया है. इस समझौते की घोषणा इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की यात्रा के बाद की गई थी. पनामा सरकार ने बताया कि इन प्रवासियों को होटल में सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, और उनकी स्वदेश वापसी की व्यवस्था की जा रही है.
प्रवासियों की मदद की गुहार
हालांकि, होटल में बंद प्रवासी खिड़कियों से मदद की गुहार लगाते हुए देखे गए, जिससे पनामा सरकार की आलोचना हो रही है. तस्वीरों में प्रवासी प्लेकार्ड लहराते हुए नजर आ रहे हैं, जिनमें वे अपनी असुरक्षा और मुश्किल हालातों के बारे में जिक्र कर रहे हैं. पनामा के मंत्री फ्रैंक अब्रेगो ने कहा कि प्रवासियों को सिर्फ होटल से बाहर जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन अन्य किसी तरह की सख्ती नहीं की गई है.
स्वदेश वापसी की योजना
299 प्रवासियों में से 171 लोग स्वेच्छा से अपने-अपने देशों में लौटने के लिए तैयार हो गए हैं. इनकी वापसी की योजना अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की मदद से बनाई जा रही है. हालांकि, बाकी प्रवासी, जो अपने देश नहीं लौटना चाहते, उन्हें अस्थायी रूप से पनामा के डेरियन प्रांत में एक सुविधा केंद्र में रखा जाएगा.
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