Afghanistan Former Vice President Amrullah Saleh: अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह तालिबान के कट्टर आलोचक रहे हैं. वे अफगानिस्तान के जासूसी प्रमुख और आंतरिक मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट लिखा है, जिसमें उन्होंने परमाणु हथियार विकसित करने का दावा किया है. अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने पोस्ट में लिखा कि मैंने गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित किए और अमेरिकी कांग्रेस के विधेयकों से बच निकला. मैंने परमाणु बाजार का विस्तार किया और संभावित प्रतिबंधों से निपटने के लिए दोहरे उपयोग वाली तकनीक की एक सूची बनाई. जब मुझे दोषी पाया गया तो मैंने अपने मुख्य परमाणु वैज्ञानिक को बलि का बकरा बनाया. मैंने खुद के किए कामों का श्रेय लेने से मना कर दिया और अपने परमाणु कार्यक्रम को उस व्यक्ति के निजी साहसिक कार्य के रूप में बता दिया. मैंने कई मौकों पर और विभिन्न उद्देश्यों के लिए अमेरिका को धोखा दिया.
अफगानिस्तान में साल 2020 में अमरुल्लाह सालेह राष्ट्रपति अशरफ गनी के अधीन देश के पहले उपराष्ट्रपति बने थे. हालांकि, साल 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया, इस वजह से उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा, जिसके बावजूद वह कहीं भागे नहीं और पंजशीर घाटी में रहकर तालिबान विरोधी कामों में लगे रहे. तालिबान ने सितंबर 2021 की शुरुआत में पंजशीर पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह को ताजिकिस्तान भागना पड़ा.
Do you know who I am ?
I secretly developed nuclear weapons and evaded U.S. Congress bills.
I proliferated the nuclear market and created an inventory of dual-use technology to cope with potential sanctions.
When I was found guilty, I scapegoated my chief nuclear scientist,…
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) June 18, 2025
मैं एक मास्टर सर्वाइवर हूं-अमरुल्लाह सालेह
पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह पोस्ट में आगे लिखते हैं कि मैंने अपनी धरती पर कुछ सबसे वांटेड आतंकवादियों को शरण दी. मैंने अपने पड़ोसी देश में नागरिकों के नरसंहार को प्रायोजित किया. मेरे सिस्टम में सेना पदानुक्रम के शीर्ष पर बैठती है और लोकतंत्र उसके नीचे है. मैं एक मास्टर सर्वाइवर हूं. मैं प्रासंगिकता का आविष्कार करता हूं. भले ही इसके परिणाम कुछ भी हों. यह एक बड़ी दुनिया है और मेरे लिए हमेशा कोई न कोई काम मौजूद रहता है. बता दें कि उन्होंने पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई थी. वह हमेशा भारत के समर्थन में खड़े रहते हैं.