Bangladesh-Turkey Defense: बांग्लादेश और तुर्किए के बीच सैन्य साझेदारी अब सह-उत्पादन और रक्षा औद्योगिक निर्माण तक पहुंच चुकी है. बांग्लादेश इन्वेस्टमेंट डेवलपमेंट अथॉरिटी (BIDA) के कार्यकारी अध्यक्ष चौधरी आशिक महमूद बिन हारुन की हाल की तुर्किए यात्रा इस सहयोग को औपचारिक और रणनीतिक स्तर पर आगे ले जाने का प्रयास है. चौधरी आशिक महमूद बिन हारुन ने तुर्किए की राज्य-स्वामित्व वाली कंपनी मकीने वे किम्या एंडिस्ट्रिसी (MKE) का दौरा किया और रक्षा तकनीकी हस्तांतरण, संयुक्त उत्पादन, और औद्योगिक क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की.
यह पहली बार नहीं है कि बांग्लादेश ने MKE के साथ रक्षा सहयोग किया है. इससे पहले, ढाका ने MKE बोरान 105 मिमी होवित्जर की 18 यूनिट खरीदी थीं और भविष्य में 200 यूनिट तक बढ़ाने की योजना है. उन्होंने इसके लिए कई सारी चीजों को खरीदने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें Otokar Tulpar Light Tank, जोकि तुर्किए का हल्का बख्तरबंद वॉर व्हीकल है. इसके अलावा Bayraktar TB2 Drone, छोटे हथियार, गोला-बारूद, और आर्टिलरी सिस्टम शामिल हैं.
बांग्लादेश-तुर्किए के बीच MOU
सूत्रों के अनुसार, दोनों देश जल्द ही रक्षा औद्योगिक कार्य समूह (Defense Industrial Working Group) को संस्थागत रूप देने वाले हैं. दोनों के बीच प्रौद्योगिकी साझा करने और उत्पादन समझौते के लिए MoU पर बातचीत शुरू कर रहे हैं. यह औपचारिक संरचना स्थायी रक्षा भागीदारी की नींव रखेगी. तुर्किए और बांग्लादेश के बीच घनिष्ठ सैन्य सहयोग चीन-पाकिस्तान रणनीतिक खेमे को सीधे चुनौती नहीं देता, लेकिन पाकिस्तान के साथ तुर्किए के पुराने सैन्य संबंध पहले से मौजूद हैं. बांग्लादेश भी अब तुर्किए की तकनीकी क्षमताओं का लाभ उठाकर अपने सैन्य आधार को मजबूत कर रहा है.
ऐसा पहली बार नहीं है कि बांग्लादेश ने भारत के खिलाफ कोई कदम उठाया हो. इससे पहले भी यूनुस पाकिस्तान और चीन के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ाने में जुटे हैं. उन्होंने चीन को लालमोनिरहाट एयरबेस दे दिया है, ऐसा लग रहा है मानो वह जानबूझकर भारत से पंगा लेने की कोशिश कर रहे हैं.