Pakistan Global Terrorist: पाकिस्तान की तरफ से ग्लोबल लेवल पर प्रतिबंधित आतंकवादी को ‘आम आदमी’ के रूप में पेश करने की चाल पर से उस समय पर्दा उठ गया, जब पड़ोसी देश के एक शीर्ष अधिकारी ने हाफिज अब्दुल रऊफ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सार्वजनिक रूप से उजागर कर दी. पाकिस्तानी अधिकारी की तरफ से दी गयी जानकारी में रऊफ की राष्ट्रीय पहचान संख्या भी शामिल थी, जो अमेरिकी प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची के ‘डेटाबेस’ में मौजूद डिटेल से मेल खाती है.
पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक अहमद शरीफ चौधरी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए रऊफ को एक आम आदमी बताया, जिसकी तीन बेटियां और एक बेटा है. रऊफ ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के पंजाब के मुदरिके में लश्कर-ए-तैयबा मुख्यालय में मारे गए आतंकवादियों की नमाज अदा की थी.
OFAC के डेटाबेस में रऊफ की जानकारी
चौधरी ने संवाददाताओं को संबोधित करने के दौरान उसका (रऊफ का) कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र क्रमांक संख्या, उसकी जन्मतिथि 25 मार्च, 1973 बताई और उसे लाहौर का निवासी करार दिया. चौधरी की तरफ से दी गई ये जानकारी अमेरिका के वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) के डेटाबेस में दिए गए रऊफ के विवरण से मेल खाती है. बता दें कि अमेरिका का वित्त विभाग विशेष रूप से नामित नागरिकों और आतंकियों की सूची रखता है.
हाफिज अब्दुर रऊफ की जानकारी से खाती मेल
पत्र सूचना कार्यालय की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया, “ISPR के महानिदेशक की ओर से साझा की गई पहचान संबंधी जानकारी हाफिज अब्दुर रऊफ की जानकारी से पूरी तरह मेल खाती है, जो कम से कम 1999 से लश्कर-ए-तैयबा के वरिष्ठ नेतृत्व का सदस्य है और अमेरिकी प्रतिबंध सूची का हिस्सा है.
पाकिस्तान की रणनीति आतंकियों को आम नागरिक दिखाना?
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने आतंकवादियों को ‘सामाजिक कार्यकर्ता’, ‘धार्मिक नेता’ या ‘आम नागरिक’ के रूप में पेश किया है. इससे पहले भी हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे लोग इसी ढंग से पाकिस्तान में घूमते रहे, जब तक अंतरराष्ट्रीय दबाव न आया.