‘पाकिस्तान के साथ रिश्ते बेहतर करना चाहते थे मनमोहन सिंह’, पूर्व NSA ने बताया

‘पाकिस्तान के साथ रिश्ते बेहतर करना चाहते थे मनमोहन सिंह’, पूर्व NSA ने बताया


पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) पंकज सरन ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने की बहुत कोशिश की, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली. सरन तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के करीबी सहयोगी थे.

पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर, 2024) को 92 साल की उम्र में निधन हो गया. पंकज सरन ने गुरुवार को मनमोहन सिंह के निधन को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्हें एक बुद्धिजीवी और विश्व स्तर के अर्थशास्त्री के रूप में वर्णित किया साथ ही उन्हें विनम्रता का प्रतीक भी बताया.

पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने कहा, ‘वह आम सहमति बनाने वाले व्यक्ति थे, बहुत ही सरल व्यक्ति थे, उन्होंने कभी प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद नहीं की थी, लेकिन उन्होंने 10 सालों तक सेवा की.’ पंकज सरन रूस में भारत के राजदूत रह चुके हैं. उन्होंने भारत और विदेशों में विभिन्न पदों पर भी कार्य किया जिसमें बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त का पद भी शामिल है.

उन्हें 2018 में उप एनएसए नियुक्त किया गया था. पंकज सरन ने पीटीआई वीडियो से कहा, ‘वह (मनमोहन सिंह) हमेशा एक अच्छे श्रोता, बुद्धिजीवी, विश्व स्तर के अर्थशास्त्री और व्यापक रूप से सम्मानित व्यक्ति रहे हैं. वह 2008 में जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में पहले (भारतीय) प्रधानमंत्री थे और उन्होंने वैश्विक नेताओं के बीच बहुत उच्च प्रतिष्ठा अर्जित की, जिनकी अर्थशास्त्र की समझ… कुल मिलाकर, मैं कहूंगा कि वह एक बहुत अच्छे व्यक्ति, वह निजी जीवन और सार्वजनिक जीवन, दोनों ही क्षेत्र में एक महान इंसान थे.’

उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘पड़ोसियों के बीच, उन्होंने पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने की बहुत कोशिश की, लेकिन इसमें सफलता हासिल नहीं हुई. उन्होंने कोशिश की और वह बहुत निराश थे कि उनके प्रयास सफल नहीं हुए. वास्तव में, 2008 में जब वह प्रधानमंत्री थे, तब 26/11 के मुंबई हमलों ने उन्हें झकझोर कर रख दिया था.’

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