Pakistan Air Strike: पाकिस्तान ने मंगलवार (24 दिसंबर 2024) को अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांतों पर हवाई हमले किए. तालिबान प्रशासित सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि हमले में कम से कम 46 लोगों की मौत हुई है. पाकिस्तान के इस हमले को अफगानिस्तान ने ‘क्रूर हमला’ कहा है. पाकिस्तान ने ये हमले अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में किए हैं. तालिबान अधिकारियों के अनुसार हमले में “वजीरिस्तान के शरणार्थियों को निशाना बनाया गया है.”
पक्तिका प्रांत बरमल जिले में पड़ता है. ये जिला दक्षिणी वजीरिस्तान के वाना और रजमक इलाकों से सटा है. अफगानिस्तान ने कहा कि वह इस कायराना हमले का जवाब दिए बगैर दम नहीं लेगी. अफगानिस्तानी न्यूज़ काबुल फ्रंटलाइन के मुताबिक, पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच इस्लामिक अमीरात ने सीमावर्ती इलाकों में भारी हथियार तैनात किए हैं. अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात ने सरहद के इलाके की ओर भारी और विमान भेदी हथियार जुटाए हैं.
Islamic Emirate Deploys Heavy Weaponry to Border Areas Amid Rising Tensions with Pakistan
The Islamic Emirate of Afghanistan has mobilized heavy and anti-aircraft weaponry toward the border regions. This comes after the Defense Minister of Afghanistan Mawlavi Muhammad Yaqoob… pic.twitter.com/KHo7VMokl5
— Kabul Frontline (@KabulFrontline) December 25, 2024
पाकिस्तान ने क्यों किए हमले?
पाकिस्तान की सेना ने मंगलवार (25 दिसंबर 2024) रात को दक्षिणी वजीरिस्तान के पास पक्तिका प्रांत के बरमल जिले में हमले किए. पाकिस्तान ने दावा किया है उसने ये हमले टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के ठिकानों पर हमले किए हैं. बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी आर्मी ने ये हमला अज्म-ए-इस्तेकाम ऑपरेशन के तहत किया गया है.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का क्या है अतीत?
ये समूह साल 2007 में बना. पाकिस्तान में इस संगठन को बैन किया गया है. इस संगठन ने साल 2008 में इस्लामाबाद में मेरियट होटल पर बमों से हमला किया था. साल 2009 में पूरे सेना के मुख्यालयों समेत पूरे पाकिस्तान में हमले किए थे. इस संगठन ने 2012 में नोबेल विजेता मलाला युसुफजई पर हमला किया था. उस वक्त टीटीपी ने कहा था युसुफजई ‘पश्चिमी विचारधारा से प्रेरित थी.’
साल 2014 में पेशावर में आर्मी स्कूल पर भीषण हमला. हमले में करीब 150 लोगों की मौत हुई थी जिनमें से अधिकांश बच्चे थे. इस हमले में 131 स्टूडेंट्स समेत 150 लोगों की मौत हुई थी. पूरी दुनिया में इस हमले की भारी निंदा हुई थी.
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