China Dream Project in Pakistan: पाकिस्तान में बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) के हमलों ने चीन के बड़े प्रोजेक्ट्स को रोक दिया है. खासतौर पर बलूचिस्तान में चीनी निवेश को भारी नुकसान हो रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग ने इस्लामाबाद के राजदूत को बुलाकर पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
बीजिंग में हुई बैठक के बाद पाकिस्तानी राजदूत खलील हाशमी ने कहा कि पाकिस्तान चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा रणनीति को लेकर बातचीत जारी है.
पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले क्यों बढ़े?
दरअसल, BLA लगातार चीनी नागरिकों और प्रोजेक्ट्स को निशाना बना रही है. कराची में पिछले साल नवंबर में हुए आत्मघाती हमले में दो चीनी नागरिकों की मौत हुई थी. CPEC (चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) के विरोध में BLA हमले तेज कर रही है. चीन के भारी निवेश के बावजूद CPEC से अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा.
चीन ने पाकिस्तानी सरकार को लगाई फटकार
चीन ने बलूचिस्तान में अपने प्रोजेक्ट्स रोकने का फैसला लिया है. चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पाकिस्तान की नाकामी को लेकर बीजिंग ने नाराजगी जाहिर की. हालात इतने गंभीर हो गए कि फरवरी में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को बीजिंग जाना पड़ा. उन्होंने शी जिनपिंग से मुलाकात कर सुरक्षा के सख्त इंतजामों का भरोसा दिया, लेकिन पाकिस्तान BLA के हमले रोकने में सफल नहीं हो पाया.
CPEC: चीन और पाकिस्तान के लिए घाटे का सौदा?
बता दें कि CPEC में चीन ने $50 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया, लेकिन असुरक्षा के कारण प्रोजेक्ट ठप हो गए. BLA का दावा है कि वे CPEC को कभी सफल नहीं होने देंगे. चीन को डर है कि उसके नागरिक और प्रोजेक्ट लगातार निशाना बनते रहेंगे. पाकिस्तान के लिए CPEC एक महत्वपूर्ण आर्थिक योजना थी, जो अब विवादों में घिर गई है.
क्या होगा आगे?
रिपोर्ट्स बताती हैं कि BLA के हमले और बढ़ सकते हैं, जिससे चीन का निवेश और अधिक खतरे में पड़ सकता है. चीन ने साफ कर दिया है कि अगर पाकिस्तान चीनी नागरिकों की सुरक्षा में असफल रहा, तो CPEC प्रोजेक्ट पूरी तरह बंद हो सकता है.
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