पाकिस्तान में दिनदहाड़े छात्रों को किया जा रहा ‘गायब’, जानें PAK सेना और ISI पर क्यों लग रहे ये

पाकिस्तान में दिनदहाड़े छात्रों को किया जा रहा ‘गायब’, जानें PAK सेना और ISI पर क्यों लग रहे ये


पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में भारी तदाद में छात्रों के अपहरण की खबरें सामने आई है. पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र और उसके बाहर कई छात्र गायब हो गए. पहले ये घटना बलूचिस्तान में हुआ करता था, लेकिन अब कराची, नोश्की और केच से भी दिनदहाड़े छात्रों को अगवा किया जा रहा है.

यूनिवर्सिटी से किया गया छात्र को अगवा

कराची यूनिवर्सिटी में चौथे सेमेस्टर के छात्र मुस्लिम दाद बलोच को कॉलेज के एंट्री गेट से अगवा कर लिया गया. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जब वह अपने दोस्तों के साथ हॉस्टल लौट रहा था तो अज्ञात लोगों ने उसे एक गाड़ी में जबरदस्ती बैठाया और लेकर गए. वह छात्र पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत स्थित अवारान जिला का रहने वाला था और कराची के बलूच छात्र समुदाय में एक जाना-पहचाना चेहरा था. उनके अचानक लापता होने से उनके साथियों में डर का माहौल है और उनका परिवार सदमे में है.

पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने छात्र को घर से उठाया

बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नोश्की में रविवार (27 जुलाई 2025) की काजियाबाद निवासी पीर मोहम्मद के बेटे हफीज़ुल्लाह को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कथित तौर पर उसके घर से उठा लिया. परिजनों ने उसके अज्ञात ठिकाने पर ले जाने पर चिंता जताई है और उसकी तत्काल रिहाई की मांग की है. 

टीबीपी ने भी केच जिले में हाल ही में दो लापता लोगों की भी रिपोर्ट दी है. बलूचिस्तान के तुर्बत इलाके से ईएसआई से जुड़े लोगों ने 23 जुलाई 16 वर्षीय दुकानदार कंबर बलूच को अगवा कर लिया. तुर्बत विश्वविद्यालय में 27 जून 2025 को बलूची भाषा और संस्कृति के 26 वर्षीय छात्र इमरान खान को कथित तौर पर फ्रंटियर कोर और सैन्य खुफिया कर्मियों ने शहर से दिनदहाड़े अगवा कर लिया.

‘अपहरण करने का बन चुका है पैटर्न’

रिपोर्ट के मुताबिक वॉयस फॉर बलूच मिसिंग पर्सन्स (वीबीएमपी) के एक प्रतिनिधि ने बताया कि ये कोई इक्का-दुक्का मामले नहीं हैं, बल्कि यह एक पैटर्न है. वीबीएमपी एक ऐसा ग्रुप है जो लंबे से अपहरण हुए व्यक्तियों की सुरक्षित बरामदगी के लिए अभियान चलाता रहा है. बार-बार की गई अपीलों और विरोध प्रदर्शनों के बावजूद ज्यादातर मामले अनसुलझे ही रहते हैं. इन मामलों की न तो कोई जवाबदेही तय होती है और न ही कोई औपचारिक जांच होती है.

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