भारत में पिछले 10 सालों में विदेशी कर्ज बढ़कर करीब 250 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो गया है. लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय की तरफ से ये जानकारी दी गई है. वित्त मंत्रालय से सवाल पूछा गया था कि 31 मार्च 2014 को देश पर कितना विदेशी कर्ज था और 31 दिसंबर 2024 आते-आते वह कितना हो गया.
इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्रालय ने बताया कि फिलहाल सितंबर 2024 के आंकड़े के मुताबिक देश पर फिलहाल 711.8 बिलियन यूएस डॉलर का विदेशी कर्ज है, जबकि मार्च 2014 में यह 446.2 बिलियन यूएस डॉलर पर था. यानी इस हिसाब से अगर देखा जाए तो पिछले 10 सालों के दौरान देश पर विदेशी कर्ज करीब 265 बिलियन डॉलर का बढ़ गया है.
‘वित्त मंत्रालय ने बताया कर्ज बढ़कर कितना हुआ’
वित्त मंत्रालय ने इसके साथ यह भी जवाब देते हुए बताया है कि साल 2013-14 के दौरान विदेशी कर्ज पर 11.20 बिलियन डॉलर का ब्याज दिया गया था तो वहीं साल 2023-24 के दौरान अनुमानित तौर पर यह ब्याज 27.10 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.
विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरा
कांग्रेस, टीएमसी, सपा समेत तमाम विपक्षी पार्टियां लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेरती रही हैं. विपक्षी पार्टियों के मुताबिक यूपीए के कार्यकाल के दौरान देश पर जितना कुल विदेशी कर्ज था एनडीए सरकार आने के बाद उसका करीब 50 फीसदी और पिछले 10 सालों के दौरान ही बढ़ गया है.
विपक्षी पार्टियां लगातार इस मुद्दे पर यह कहते हुए मोदी सरकार को घेर रही हैं कि सरकार लगातार विदेशी कर्ज लेती जा रही है और उसके चलते देश के हर एक नागरिक पर हजारों रुपए का कर्ज चढ़ता ही जा रहा है.
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