PM Modi Brazil Tour BRICS Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (2 जुलाई) से पांच देशों की यात्रा पर रवाना हो चुके हैं. पीएम मोदी सबसे पहले घाना पहुंचे और फिर उसके बाद त्रिनिदाद और टोबेगो पहुंचेंगे. इसी दौरान पीएम मोदी अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का दौरा कर अगले बुधवार (9 जुलाई) को भारत वापस आएंगे.
इस दौरे में सभी की नजर पीएम मोदी के ब्राजील दौरे पर टिकी हुई है. पीएम मोदी 5-8 जुलाई तक ब्राजील में मौजूद रहेंगे. पीएम मोदी शनिवार (5 जुलाई) को रियो डी जेनेरियो पहुंचेंगे और 6-7 जुलाई को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस दौरान पीएम मोदी की कई द्विपक्षीय मुलाकातें भी संभव हैं.
ब्रिक्स समिट में शामिल नहीं होंगे शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन
हालांकि, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. चीन के प्रधानमंत्री इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. चीन के राष्ट्रपति का ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल न होने का फैसला कई सवाल खड़े कर रहा है. कई एक्सपर्ट का मानना यह भी है कि चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) प्रोजेक्ट से ब्राजील ने दूरी बना रखी है और यह बात चीन को पसंद नहीं आ रही है. जबकि BRI प्रोजेक्ट से ब्राजील की दूरी भारत के हित में है. वहीं, दूसरी ओर ब्राजील ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में स्टेट विजिट का भी आयोजन रखा है, जो कि 8-9 जुलाई को ब्रासिलिया में होगा. इसका मतलब साफ है कि भारत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit), 2025 का केंद्र बिंदु रहने वाला है.
6 जुलाई को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का है मुख्य दिन
ब्रिक्स का रियो शिखर सम्मेलन का मुख्य दिन रविवार (6 जुलाई) है. इस दिन सभी सदस्य देश बैठक करेंगे. इस साल ब्रिक्स का मुख्य थीम है- सतत और समावेशी शासन के लिए ग्लोबल साउथ सहयोग को और मजबूत करना यानि ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज को उचित प्लेटफॉर्म मिलना और उनकी समस्याओं का समाधान करना. ताकि विकसित देश विकासशील देशों के अधिकारों का भी ध्यान रखें. भारत और भारत के प्रधानमंत्री मोदी हर मंच से ग्लोबल साउथ की आवाज को दुनिया के सामने रखते आए हैं. यही कारण है कि ब्रिक्स के विस्तार में ग्लोबल साउथ के देशों को स्थान दिलाने में भारत के प्रधानमंत्री ने अग्रणी भूमिका निभाई.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का इस साल क्या है एजेंडा?
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का पहला एजेंडा आइटम वैश्विक शासन में सुधार का मुद्दा है, जिसमें केवल स्थायी सदस्य देश के प्रमुख या उनके प्रतिनिधि ही शामिल होंगे. इसके बाद दूसरा एजेंडा सुरक्षा और शांति का है. लंच के बाद ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का तीसरा एजेंडा बहुपक्षवाद, आर्थिक वित्तीय मामलों के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को मजबूत करना होगा. रविवार (6 जुलाई) की शाम को ब्रिक्स लीडर्स के लिए डिनर का आयोजन रखा गया है.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन यानि सोमवार (7 जुलाई) को बैठक का चौथा एजेंडा पर्यावरण, CoP30 और वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे हैं. उल्लेखनीय है कि इसी साल नवंबर में ब्राजील CoP30 का भी आयोजन कर रहा है, इसलिए जलवायु परिवर्तन और CoP30 से जुड़े मुद्दे महत्वपूर्ण हैं.
2026 में भारत करेगा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता
इसी के साथ ब्राजील की तरफ से भारत को ब्रिक्स की अध्यक्षता सौंपी जाएगी, भारत साल 2026 में ब्रिक्स का होस्ट होगा. इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रियो, ब्राजील में मौजूदगी काफी महत्वपूर्ण है. ब्रिक्स के मंच से भी भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाएगा.
ब्रिक्स क्या है और कब-कब हुआ इसका विस्तार?
साल 2006 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में रूस, भारत और चीन के नेताओं ने मुलाकात की और साल 2009 में पहली बार ब्रिक (BRIC) शिखर सम्मेलन का आयोजन येकाटिनबर्ग, रूस में हुआ. साल 2010 में इसमें दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हुआ, जिसके बाद यह ब्रिक्स (BRICS) के नाम से जाना जाने लगा. होस्ट देश ब्राजील समेत अब कुल 11 देश ब्रिक्स के सदस्य हैं.
अब तक कुल 16 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन हो चुका है. ब्राजील से पहले रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था, जहां पर बीते कई सालों में पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय मुलाकात हुई थी.
ब्रिक्स के सदस्य देश कौन-कौन हैं?
साल 2010 के बाद 2024 में पहली बार ब्रिक्स का विस्तार हुआ. मिस्त्र, इथोपिया, ईरान, सऊदी अरब और UAE ब्रिक्स के पूर्ण सदस्य बनाए गए. वहीं, साल 2025 में इंडोनेशिया भी ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बना. इसके अलावा बेलारूस, बोलिविया, कजाखस्तान, क्यूबा, मलेशिया, नाइजीरिया, थाईलैंड, युगांडा, उज्बेकिस्तान और वियतनाम सदस्य देश के तौर ब्रिक्स के साथ जुड़े.
2021 में भारत ने की थी ब्रिक्स की अध्यक्षता
2021 में भारत ने ब्रिक्स के 15वें संस्करण की अध्यक्षता की थी. इसमें भारत ने बहुपक्षवाद प्रणाली में सुधार, काउंटर टेररिज्म सहयोग और SDGs के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए डिजिटल और तकनीक का सहारा की अपनी प्राथमिकताएं तय की थी.
भारत और ब्राजील के संबंध
भारत और ब्राजील के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत साल 1948 से हुई. ब्राजील और गोवा पुर्तगाली शासन के आउटपोस्ट थे. भारत का वाणिज्य दूतावास साओ पोलो में है जबकि ब्राजील का वाणिज्य दूतावास मुंबई में स्थित है. साल 2006 से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी है.
इस साल ब्राजील के राष्ट्रपति सिल्वा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजकीय दौरे पर आमंत्रित किया है. इससे पहले पीएम मोदी साल 2024 में जी20 में हिस्सा लेने गए थे. साल 2014 से अब तक चार बार प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील की यात्रा कर चुके हैं.
ब्राजील के राष्ट्रपति ने की थी पहलगाम हमले की निंदा
उल्लेखनीय है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने 8 मई को प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बातचीत कर आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी और आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में अपना समर्थन दिया था. शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भी ब्राजील के दौरे पर गया था, जहां ब्राजील ने एक बार फिर भारत के इस मुहिम का समर्थन किया था.
भारत ब्राजील का 9वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर
साउथ अमेरिका में ब्राजील सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. भारत ब्राजील का 9वां बड़ा ट्रेड पार्टनर है. साल 2024-25 के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 12.20 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा, जिसमें भारत ने लगभग 6.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात भी किया. ब्राजील में लगभग 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश है और 1 बिलियन डॉलर का निवेश ब्राजील ने भारत में किया है. ब्राजील में लगभग चार हजार की संख्या में भारतीय समुदाय के लोग रहते है, जिनमें से अधिकतर भारतीय साओ पोलो, रियो और मानुस शहर में रहते हैं.
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