प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (11 अप्रैल,2025) को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के 50वें दौरे पर पहुंचेंगे. खास बात यह है कि यूपी में योगी सरकार के आठ साल पूरे होने के बाद पीएम मोदी पहली बार काशी आ रहे हैं. इस मौके पर वह वाराणसी से पूर्वांचल को 3884.18 करोड़ रुपये की 44 बड़ी विकास योजनाओं की सौगात देंगे.
प्रधानमंत्री का यह दौरा करीब ढाई घंटे का रहेगा. वह सुबह 10:30 बजे लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचेंगे और वहां से हेलीकॉप्टर से राजातालाब के मेहंदीगंज जाएंगे. यहीं एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जिसमें 50 हजार से ज्यादा लोगों के जुटने की उम्मीद है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री की अगवानी करेंगे. गुजरात विधानसभा अध्यक्ष और बनास डेयरी के चेयरमैन शंकर भाई चौधरी भी मंच पर मौजूद रहेंगे.
19 योजनाओं का उद्घाटन, 25 का शिलान्यास
प्रधानमंत्री मोदी 1629.13 करोड़ रुपये की लागत से बनीं 19 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. इनमें जल जीवन मिशन के तहत 130 पेयजल योजनाएं, 100 आंगनबाड़ी केंद्र, 356 पुस्तकालय, कई प्रमुख सड़कें, पुलिस-पीएसी बैरक, पर्यटन स्थलों का विकास और पावर ग्रिड से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं.
वहीं 2255.05 करोड़ रुपये की 25 नई परियोजनाओं का शिलान्यास भी होगा. इनमें एयरपोर्ट के पास टनल, रिंग रोड पर फ्लाईओवर, बिजली तंत्र का आधुनिकीकरण, यूनिटी मॉल, स्मार्ट क्लास, मिनी स्टेडियम, हॉकी टर्फ मैदान, थाने और सामुदायिक भवनों का निर्माण जैसे काम शामिल हैं.
दुग्ध उत्पादकों को मिलेगा बोनस, आयुष्मान कार्ड भी बांटेंगे
प्रधानमंत्री मोदी बनास (अमूल) डेयरी से जुड़े प्रदेश के लाखों किसानों को 106 करोड़ रुपये का बोनस भी ऑनलाइन ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके साथ ही तीन बुजुर्गों को आयुष्मान भारत कार्ड सौंपने और तीन जीआई उत्पादों को प्रमाणपत्र देने का भी कार्यक्रम प्रस्तावित है.
काशी बना विकास का मॉडल
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से वाराणसी के सांसद हैं. उनके नेतृत्व में काशी में अब तक हजारों करोड़ की परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं. काशी विश्वनाथ धाम, गंगा घाटों का पुनर्विकास, रोपवे, स्मार्ट सड़कें, और पर्यटन सुविधाएं यहां के बड़े बदलाव के उदाहरण हैं. अब ये शहर पूर्वांचल ही नहीं, देशभर के लिए विकास का मॉडल बनता जा रहा है.
प्रधानमंत्री का यह दौरा न केवल योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के लिहाज से अहम है, बल्कि विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियों के लिहाज से भी राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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