Waqf Amendment Bill: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार (2 अप्रैल, 2025) को लोकसभा में वक्फ बिल पेश किया. वक्फ बिल को लेकर कांग्रेस, सपा समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी पर निशाना साधा तो वहीं मुस्लिम संगठन भी इस बिल को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हैं. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी का वक्फ संशोधन बिल पर बयान सामने आया है.
मौलाना महमूद मदनी ने वक्फ संशोधन विधेयक को अलोकतांत्रिक एवं असंवैधानिक करार दिया. लोकसभा में वक्फ बिल पेश होने के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा, ‘संसद में पेश किया गया वक्फ से संबंधित यह बिल असंवैधानिक है और मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है. सरकार अपने संख्यात्मक बहुमत के बल पर इसे पारित कराने की कोशिश कर रही है.’
‘इस बिल को जबरन संसद में लाया गया’
मौलाना महमूद मदनी ने कहा, ‘यह रवैया बहुसंख्यकवादी मानसिकता (मेजॉरिटेरियन एप्रोच) पर आधारित है और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है. इस बिल को जबरन संसद में लाया गया है, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनना है, जो किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है’. उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से यह बिल तैयार किया गया है और जिस मंशा व रवैये के साथ इसे पेश किया जा रहा है, वह मुसलमानों के खिलाफ एक नकारात्मक रुख को दर्शाता है’.
‘हम इस बिल को पूरी तरह खारिज करते हैं’
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने कहा, ‘हम पहले ही कह चुके हैं कि पुराने कानून में सुधार की जरूरत थी लेकिन इसके बजाय सरकार ने ऐसे संशोधन पेश किए हैं जो समस्याओं का समाधान करने के बजाय उन्हें और जटिल बना रहे हैं. अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य के रूप में, मैं स्पष्ट रूप से ये कहना चाहता हूं कि यह बिल पूरी तरह अस्वीकार्य है और हम इसे पूरी तरह खारिज करते हैं’. मौलाना महमूद मदनी ने कहा, ‘वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी और हम हर संवैधानिक और शांतिपूर्ण तरीके से इस अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे’.
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