पूर्व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के अधिकारी विकास यादव के खिलाफ चल रहे रंगदारी और अपहरण के मामले में दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट को जानकारी दी कि इस मामले में अभी जांच जारी है. पुलिस ने अदालत को बताया कि कुछ कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) की जांच की जा रही है. इसके बाद अदालत ने इस मामले में आरोप तय करने पर बहस के लिए अगली सुनवाई 22 मई तय की है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुमित दास ने जब मामले की स्थिति के बारे में पूछा तो जांच अधिकारी ने बताया कि कुछ सीडीआर की जांच लंबित है. गौरतलब है कि विकास यादव को अमेरिकी न्याय विभाग (US DoJ) ने खालिस्तान समर्थक अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश में मर्डर-फॉर-हायर और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सह-साजिशकर्ता बताया है.
पटियाला हाउस कोर्ट में तीसरी बार व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट
विकास यादव की ओर से उनके वकील आर.के. हंडू और आदित्य चौधरी ने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की अर्जी दी थी. उन्होंने एक बार फिर जान को खतरा होने का हवाला दिया जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. यह तीसरी बार है जब यादव को इस आधार पर छूट दी गई है. इससे पहले नवंबर और फरवरी में भी उन्हें यही राहत मिली थी.
अब्दुल्ला खान के साथ हुई थी गिरफ्तारी
18 दिसंबर 2023 को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने विकास यादव और उनके सहयोगी अब्दुल्ला खान को गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी रोहिणी निवासी की शिकायत पर हुई थी जिसमें यादव पर रंगदारी मांगने, अपहरण और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. शिकायत में यादव के लिंक कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी जोड़े गए थे.
यादव और खान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120-बी (आपराधिक साजिश), 364ए (फिरौती के लिए अपहरण), 506 (धमकी देना), 341 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 328 (ज़हर देकर नुकसान पहुंचाना), तथा आर्म्स एक्ट की धाराएं 25 और 27 के तहत मामला दर्ज है. पटियाला हाउस कोर्ट ने विकास यादव को 22 मार्च 2024 को अंतरिम जमानत दी थी जबकि 22 अप्रैल को उन्हें नियमित जमानत मिल गई.
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