पैसा बरसाने को तैयार है Sacheerome IPO, खुलते ही 30 फीसदी का मुनाफा, GMP देखकर हैरान हो जाएंगे

पैसा बरसाने को तैयार है Sacheerome IPO, खुलते ही 30 फीसदी का मुनाफा, GMP देखकर हैरान हो जाएंगे


फ्रेगरेंस और फ्लेवर बनाने वाली कंपनी Sacheerome का IPO निवेशकों के बीच जबरदस्त लोकप्रियता बटोर रहा है. सोमवार 9 जून को खुले इस IPO को मंगलवार सुबह 10 बजे तक कुल 7.18 गुना सब्सक्राइब किया जा चुका है. NSE के आंकड़ों के मुताबिक, 43,21,200 शेयरों के मुकाबले 3,10,39,200 शेयरों के लिए बोली लग चुकी है. यह IPO SME सेगमेंट में आ रहा है, यानी छोटी और मझोली कंपनियों के निवेशकों को लक्षित करता है.

ग्रे मार्केट में भी धमाल

IPO से पहले शेयरों की अनौपचारिक खरीद-बिक्री यानी ग्रे मार्केट में भी Sacheerome ने ज़बरदस्त हलचल मचा दी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, Sacheerome के अनलिस्टेड शेयर 132 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहे हैं, जो कि इसके इश्यू प्राइस 102 रुपये से करीब 30 प्रतिशत (30 रुपये) प्रीमियम पर है. इससे निवेशकों के बीच जबरदस्त उत्साह का संकेत मिलता है.

कितना निवेश, कब तक मौका?

इश्यू साइज़: 61.62 करोड़ रुपये

इश्यू प्राइस: 102 रुपये प्रति शेयर

लॉट साइज़ (रिटेल निवेशक): 1 लॉट में 1,200 शेयर, निवेश राशि 1,15,200 रुपये

HNIs के लिए न्यूनतम निवेश: 2 लॉट यानी 2,400 शेयर, 2,44,800 रुपये

इश्यू की अंतिम तारीख: बुधवार, 11 जून 2025

शेयर अलॉटमेंट: 12 जून 2025

लिस्टिंग संभावित: सोमवार, 16 जून 2025, NSE SME प्लेटफॉर्म पर

इस इश्यू में कोई ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल नहीं है, यानी कंपनी को पूरी राशि सीधे मिलेगी.

पैसे का इस्तेमाल कहां होगा?

Sacheerome के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) के मुताबिक, इश्यू से जुटाई गई राशि में से 56.5 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में एक नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने में खर्च किए जाएंगे. बाकी राशि का उपयोग जनरल कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए होगा.

Sacheerome क्या करती है?

1992 में स्थापित Sacheerome फ्रेगरेंस और फ्लेवर के क्षेत्र में काम करती है. इसके उत्पादों का इस्तेमाल कई इंडस्ट्रीज़ में होता है. कंपनी द्वारा बनाए गए फ्रेगरेंस का इस्तेमाल पर्सनल केयर, बॉडी केयर, फैब्रिक केयर, बेबी केयर, फाइन फ्रेगरेंस, एयर केयर, पालतू जानवरों की केयर, मेन्स ग्रूमिंग और हाइजीन वेलनेस के प्रोडक्ट में होता है. वहीं इस कंपनी द्वारा बनाए गए फ्लेवर का इस्तेमाल बेवरेज, बेकरी, कन्फेक्शनरी, डेयरी प्रोडक्ट्स, हेल्थ एंड न्यूट्रिशन, ओरल केयर, मीट प्रोडक्ट्स, ड्राय फ्लेवर और शिशा के सेक्टर में होता है. Sacheerome की सालाना उत्पादन क्षमता 7,60,000 किलोग्राम है और इसकी मौजूदगी देशभर के तमाम कॉन्स्यूमर प्रोडक्ट्स ब्रांड्स में है.

छोटे निवेशकों के लिए बड़ा मौका?

Sacheerome का IPO SME सेगमेंट में एक शानदार एंट्री मानी जा रही है. ग्रे मार्केट से मिल रहे पॉज़िटिव संकेत और मजबूत सब्सक्रिप्शन से साफ है कि निवेशकों को इस कंपनी से अच्छे रिटर्न की उम्मीद है. हालांकि SME IPOs में जोखिम भी रहता है, फिर भी एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह इश्यू लॉन्ग टर्म के निवेशकों के लिए एक दिलचस्प अवसर हो सकता है.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)



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