GST Collections: भारत की इकोनॉमी ने साल की चौथी और आखिरी तिमाही में भी जबरदस्त परफॉर्मेंस किया है. शनिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, फरवरी के महीने में Gross GST Collection 9.1 परसेंट बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि पिछले महीने यह 1.96 लाख करोड़ रुपये था.
12 महीने से एक ही ट्रेंड बरकरार
फरवरी लगातार 12वां महीना है जब जीएसटी कलेक्शन 1.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. आंकड़ों के मुताबिक, रिफंड घटाने के बाद भी जीएसटी कैलकुलेशन पिछले साल के मुकाबले 8.1 परसेंट अधिक रहा. फरवरी में कुल 20,889 करोड़ रुपये रिफंड जारी किए गए, जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 17. 3 परसेंट ज्यादा है. रिफंड घटने के बाद यह 1.63 लाख करोड़ रुपये हो गया. फरवरी 2024 में ग्रॉस और नेट जीएसटी रेवेन्यू क्रमशः 1.68 लाख करोड़ रुपये और 1.50 लाख करोड़ रुपये थे.
जनवरी से जीएसटी कलेक्शन बढ़ने लगा
जनवरी से जीएसटी कलेक्शन ने रफ्तार पकड़ी है. चार महीने तक सिंगल डिजिट में रहने के बाद जनवरी में यह नौ महीने के हाई-लेवल 12.3 परसेंट तक पहुंच गया. 28 फरवरी को जारी आंकड़ों के अनुसार, तीसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है तथा विकास दर पिछले महीने के 5.6 परसेंट के मुकाबले 6.2 परसेंट पर आ गई है. MC पोल के 18 अर्थशास्त्रियों ने तीसरी तिमाही के लिए 6.3 परसेंट का अनुमान लगाया था, जबकि यह 6.5 परसेंट रहा.
चौथी तिमाही में भारत लक्ष्य को कर सकता हासिल
देश की इकोनॉमी को 6.5 परसेंट का लक्ष्य हासिल करने के लिए चौथी तिमाही में 7.6 परसेंट की दर से ग्रोथ की जरूरत पड़ेगी. मुख्य आर्थिक सलाहकार वी.अनाथ नागेश्वरन ने शुक्रवार को जीडीपी रिपोर्ट जारी होने के बाद एक कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत 7.6 परसेंट की विकास दर को हासिल कर सकता है क्योंकि महाकुंभ में हुए खर्च के साथ-साथ सरकारी व्यय से चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था को मदद मिलने की उम्मीद है.
क्या है GST?
GST यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स सरकार की तरफ से लगाया गया Indirect Tax है, जो घरेलू स्तर पर वस्तु और सेवाओं पर लगाया जाता है. जब हम कोई सामान खरीदते हैं, तो कीमत के साथ उपभोक्ता को जीएसटी का भी भुगतान करते हैं, जिसे विक्रेता की तरफ से सरकार को दिया जाता है.
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